जयपुर। राजस्थान में बजरी को लेकर संकट बना हुआ है। बजरी खनन बंद होने से आमजनता समेत मजदूरों की रोजी रोटी पर संकट छा गया है। लेकिन बजरी खनन को लेकर बजट से एक राहत की खबर सामने आई है। प्रदेश में अब तक बजरी खनन को लेकर जो समस्या बनी हुई थी, सीएम राजे ने बजट में इस समस्या का निस्तारण कर दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अब प्रदेश मेें बजरी खनन के छोटे-छोटे पट्टे दिए जाएंगे। छोटे साइज के पटटे जारी करने की नीलामी में ज्यादा से ज्यादा बोलीदाता आएंगे और उनकी अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित होगी। छोटे साइज के खनन पटटे देने से जहां क्षेत्र में सुचारू रूप से बजरी खनन का कार्य होगा, वहीं लाखों लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार भी मिलेगा।
मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक की खनन नीतियों का अध्ययन करने के बाद राजस्थान सरकार यहां नई खनन नीति के तहत ये छोटे छोटे बजरी के ब्लाॅक के पटटे जारी करेगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कारोबारी बजरी ब्लाकों के लिए पर्यावरण प्रभाव का आंकलन नहीं करा रहे थे। इसका आंकलन कराने से केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिल रही थी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बीकानेर को छोड़कर राज्य की सभी बजरी ब्लाकों से खनन करने पर पाबंदी लगा दी। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का राज्य में सख्ती से अनुपालन कराने के लिए आदेश जारी कर दिया गया है।
राजस्थान राज्य में कुल 81 प्रकार के खनिज पाये जाते हैं जिनमें से 57 खनिजों का दोहन किया जा रहा है। खनन कार्य से राजस्थान में संचालित 34 हजार खनन पट्टों से लगभग 35 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हो रहा हैं। राजस्थान राज्य की जीडीपी खनन का योगदान 7 प्रतिशत है एवं राज्य को प्राप्त होने वाले राजस्व में खनन का योगदान तीसरे स्थान पर आता है।
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