जयपुर। राजस्थान सरकार ने राज्यों को जीएसटी की पुनर्भरण समय सीमा वर्ष 2027 तक बढ़ाए जाने की मांग की है। इसके लिए राजस्थान ने तर्क दिया है कि राज्यों की वित्तीय स्थिति कमजोर है। अगर यह संभव नहीं हो तो कर्नाटक की तर्ज पर राजस्थान को भी स्पेशल पैकेज दिया जाना चाहिए। जीएसटी काउंसिल की शनिवार को नई दिल्ली में हुई मीटिंग में आयुर्वेद एवं तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने यह मुद्दा उठाया। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी केंद्र सरकार को पत्र लिखकर जीएसटी पुनर्भरण की समय सीमा बढ़ाए जाने का मुद्दा उठा चुके हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए आयुर्वेद राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल के लिए केंद्र स्तर पर नेशनल बैंच और राज्यों के स्तर पर स्टेट बैंच की व्यवस्था बनाए जाने पर सहमति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रिब्यूनल में केंद्र और राज्यों का प्रतिनिधित्व रखने के लिए दो ज्यूडिशियल और तकनीकी सदस्य भी रखे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि स्टेट बैंच में नियुक्ति और तकनीकी सदस्य (राज्य) की पात्रता तय करने का अधिकार राज्यों को दिया जाना चाहिए।
जीएसटी पुनर्भरण राशि जल्दी जारी करे सरकारः
काउंसिल की मीटिंग में राजस्थान के प्रतिनिधि डॉ. सुभाष गर्ग ने मांग रखी कि जीएसटी पुनर्भरण मद में वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 में जून तक की राशि इसी वित्तीय वर्ष में जारी की जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 का एजी सर्टिफिकेट जारी होने के समय को देखते हुए पुनर्भरण राशि का 90 प्रतिशत पैसा प्रोविजनल रूप से इसी वित्तीय वर्ष में जारी किया जाए।
लेट फीस माफी के लिए एमनेस्टी स्कीम लाई जाएः
गर्ग ने कहा कि राज्य के बजट में करदाताओं को राहत देेते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2021-22 की अवधि के लिए भरी जाने वाली जीएसटीआर-9 को छोड़कर अन्य सभी रिटर्न और जीएसटीआर-1 भरने में देरी के लिए देय औऱ जमा लेट फीस का पुनर्भरण करने की घोषणा की है। गर्ग ने जीएसटी काउंसिल से भी लेट फीस माफ करने के लिए भेजे गए प्रस्ताव को मंजूर करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लेट फीस में छूट के अलावा मासिक विवरण (स्टेटमेंट ऑफ आउटवार्ड सप्लाई), जीएसटीआर-1 एवं रिटर्न जीएसटीआर-3बी की फाइलिंग के लिए लेट फीस माफ करने एमनेस्टी स्कीम में प्रावधान किया जाना चाहिए। इससे उन करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी जो नई कर व्यवस्था की समस्याओं के कारण रिटर्न नहीं भर सके और अपने व्यवसाय को जारी रखना चाहते हैं।
सिखों के प्रभाव वाले देशों से चल रहा है भारत में अलगाववादी एजेंडा
गिल और अय्यर के शतक; सूर्यकुमार और राहुल के अर्धशतकों के दम पर भारत ने 399/5 का विशाल स्कोर बनाया
दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया- बृजभूषण ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा
Daily Horoscope