जयपुर| राजस्थान हाईकोर्ट
ने बुधवार को प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष सी. पी. जोशी को भारतीय जनता
पार्टी (भाजपा) विधायक मदन दिलावर और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के
राष्ट्रीय सचिव सतीश मिश्रा की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया। ये याचिकाएं
बसपा के छह विधायकों को कांग्रेस में विलय के मुद्दे पर दायर की गई हैं।
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने
याचिका दायर किए जाने के बाद यह नोटिस जारी किया, जिसमें बसपा और भाजपा
विधायकों ने विलय को रद्द करने की मांग की थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बसपा ने यह भी निवेदन
किया कि चूंकि मामला अदालत में है, इसलिए बसपा के पूर्व विधायकों को फ्लोर
टेस्ट में मतदान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
इस मामले पर गुरुवार को फिर से सुनवाई होनी है।
बसपा
और भाजपा नेता ने एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ मंगलवार को हाईकोर्ट की
खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था, क्योंकि एकल न्यायाधीश ने बसपा के छह
विधायकों को कांग्रेस विधायकों के रूप में काम करने पर रोक लगाने से इनकार
कर दिया था।
अपनी अपील में दोनों ने कहा कि एकल पीठ ने उन्हें
अंतरिम राहत नहीं दी है और दावा किया कि संबंधित विधायकों के पास उनका वह
नोटिस नहीं पहुंचा, क्योंकि वे जैसलमेर के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि अदालत को 18 सितंबर, 2019 के विलय के आदेश पर रोक लगानी चाहिए।
एकल
पीठ ने अध्यक्ष और विधानसभा के सचिव और छह विधायकों को 30 जुलाई को नोटिस
जारी किए थे। इन सभी को 11 अगस्त तक नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया
गया था।
--आईएएनएस
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