मेवात/ जयपुर । गोरक्षा के नाम पर हिंसा का शिकार हुए पहलू खान हत्या मामले में चौंकाने वाली खबर सामने आई है। राजस्थान के अलवर जिले में हुई इस घटना के मामले में CID-CB ने चौंकाते हुए सभी 6 आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
खास बात ये है कि इस हत्याकांड में सभी 6 आरोपी फरार चल रहे हैं, जिन्हें पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है, लेकिन उससे पहले ही मामले की जांच करते हुए उन्हें बरी कर दिया गया है, जबकि राजस्थान पुलिस की ओर से मुख्य आरोपियों ओम यादव, हुकुम चंद यादव, सुधीर यादव, जगमाल यादव, नवीन शर्मा और राहुल सैनी पर पांच-पांच हजार रुपए का इनाम घोषित किया हुआ है। सभी आरोपी हिंदू संगठनों से जुड़े थे। ऐसे में राजस्थान पुलिस की ओर की गई जांच पर एक बड़ा सवाल खडा हो रहा है कि पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार किए बिना कैसे क्लीन चिट देे सकती हैै। अलवर के एसपी राहुल प्रकाश की मानें तो हत्या के इन सभी छह आरोपियों के खिलाफ अब केस बंद कर दिया गया है।
CID-CB ने जब मामले की जांच की तो यह सामने आया कि आरोपियों की मोबाइल काॅल की लोकेशन वारदात स्थल पर नहीं थी। सभी आरोपी गोशाला में थे। यही नहीं, गोशाला स्टाफ के बयान के आधार पर भी आरोपियों को घटना के समय गोशाला में होना बताया। ऐसे में इन तथ्यों को आधार मानते हुए पुलिस ने सभी 6 आरोपियों को बरी कर दिया ।
आपको बता दें कि पहले पहलू खान की हत्या की जांच जयपुर आईजी रेंज हेमन्त प्रियदर्शी की ओर से की जा रही थी। बाद में इसकी जांच CID-CB को सौंप दी गई थी।
गौरतलब है कि अलवर के बहरोड़ में 3 अप्रैल को पहलू खान गाड़ी में अपने साथियों के साथ गौवंश ले जा रहा था। ऐसे में हिंदू संगठन से जुड़े गोरक्षकों की ओर से पहलू खान की गौ-तस्कर समझकर मारपीट करते हुए हत्या कर दी गई थी। आरोप यह भी लगाया गया था पहलू गायों का शिकार करने के लिए गाड़ी में लेकर जा रहा है। हालांकि बाद मेें जांच में यह सामने आया था कि उसे दूध चाहिए था, ऐसे में वह गायों को अपने घर लेकर जा रहा था।
खास बात ये है कि पहलू खान ने अपने पर्चा बयान में सुधीर यादव, हुकमचंद यादव, ओम यादव, नवीन शर्मा, राहुल सैनी और जगमाल सिंह को आरोपी ठहराया था। पहलू खान ने बयान में बताया था कि घटना के दौरान यह आरोपी खुद को विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता बता रहे थे। इस पूरी घटना को लेकर देश में राजनीतिक बवाल भी मचा था।
पुलिस ने मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया था, जबकि 6 आरोपी अभी भी फरार हैं, जिन्हें पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। खास बात ये है कि पकड़े गए आरोपियों को भी पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया था। हालांकि CID-CB की ओर से क्लीन चिट दिए जाने से पहले ही मेव समाज के लोग इस जांच पर सवाल उठाते आ रहे थे।
फिलहाल CID-CB की ओर की गई जांच के खिलाफ अब मेव समाज केे लोग न्याय के लिए हाईकोर्ट की शरण में जाने की तैयारी में हैं।
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