जयपुर। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने राजधानी की खासाकोठी और उदयपुर के आनंद होटल के निजीकरण की सरकारी कवायद की निंदा की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पायलट ने कहा कि राज्य सरकार आरटीडीसी के तहत सभी संचालित होटलों, डाक बंगलों व सर्किट हाउस के निजीकरण पर आमदा है, जो सरकारी उपक्रमों को बेचने जैसा है। उन्होंने कहा कि दोनों होटलें हैरिटेज भवनों में चल रही हैं। यह विडम्बना है कि विदेशी कंपनियों से इनके संचालन अथवा इन्हें निजी हाथों में देने के बारे में राय पूछी जा रही है, जबकि देश में ही ऐसे कंसल्टेंट मिल सकते हैं, जो दोनों होटलों को फायदे में चलाने की राय सरकार को दे सकते हैं। दोनों होटलों की संपत्ति बेशकीमती है, जिन्हें हर हाल में सरकार को ही संचालित करना चाहिए, क्योंकि यह राजस्थान की पहचान है।
उन्होंने कहा कि इससे पूर्व प्रदेश के वन्य जीव अभ्यारण्यों के निजीकरण की कवायद भी सरकार ने शुरू की थी, जो प्राकृतिक संपदा को निजी हाथों में देने की साजिश है। उन्होंने कहा कि सरकार को सरकारी उपक्रमों, होटलों व वन क्षेत्रों के निजीकरण से बाज आना चाहिए, क्योंकि ये सभी संपदाएं राज्य की जनता की हैं, जिनका सरकार कस्टोडियन के रूप में रख-रखाव करती है। उन्होंने कहा कि निजी हितों को साधने के लिए सरकारी संपदाओं को खुर्द-बुर्द करना प्रदेश के हित में नहीं है।
कांग्रेस ने रेल हादसों के लिए अंग्रेजों को जिम्मेदार नहीं ठहराया: राहुल गांधी
मोदी सरकार के नौ साल : नड्डा आज करेंगे विशिष्ट नागरिकों से मुलाकात
बालासोर रेल हादसा : ममता बोलीं, बंगाल के 62 लोगों की मौत हुई
Daily Horoscope