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जेकेके की ओर से विरासत से विकास के उद्देश्य से दो पुस्तकें प्रकाशित
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फड़ चित्रण और पिछवाई कला से संबंधित है यह कृतियां
जयपुर । जवाहर कला केन्द्र प्रदेश की लोक कलाओं को संजोने में अहम भूमिका निभा रहा है। हाल ही में केन्द्र और रूफटॉप के संयुक्त तत्वावधान में दो पुस्तकें 'द पेंटेड बैलेड्स-अ वॉयेज विथ कलर, म्यूजिक एंड पोएट्री' और 'द सेलेस्टियल ह्यू - ट्रांस, ट्रडीशन एंड डिवोशन' का प्रकाशन किया गया है। केन्द्र की अति. महानिदेशक प्रियंका जोधावत और सहायक निदेशक अब्दुल लतीफ उस्ता ने यह पुस्तकें लिखी हैं। कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने दोनों पुस्तकों का विमोचन किया।
इस दौरान केन्द्र की अति. महानिदेशक प्रियंका जोधावत, वरिष्ठ लेखाधिकरी चेतन कुमार शर्मा, सहायक निदेशक अब्दुल लतीफ उस्ता व रूफटॉप से कार्तिक गग्गर और उनकी टीम मौजूद रही। 'द पेंटेड बैलेड्स' में फड़ चित्रण जबकि 'द सेलेस्टियल ह्यू' पिछवाई कला के इतिहास, महत्व, तकनीकी पहलुओं और वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता के विषय में बताती है। इनमें अभ्यास के लिए भी विशेष अध्याय हैं। गायत्री राठौड़ ने कहा कि आमजन प्रदेश की संस्कृति को जान इसके लिए प्रामाणिक लिखित साहित्य उपलब्ध होना जरूरी है। जेकेके की ओर से पुस्तक प्रकाशन का कार्य सराहनीय है, पुस्तक केवल जानकारी नहीं देती बल्कि मित्र बनकर बहुत कुछ सिखाती भी है।
प्रियंका जोधावत ने कहा कि केन्द्र की ओर से विरासत से विकास की ओर बढ़ने के ध्येय के साथ प्रकाशन का यह काम किया गया। प्रदेश की लोक कलाएं हमारी विरासत है और सही मायनों में इनका विकास तभी होगा जब युवा पीढ़ी तक उन्हें पहुंचाया जाएगा।
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