जयपुर। उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि टाइल्स उद्योग के लिए बिना वेल्यू एडिशन कच्चा माल राजस्थान से गुजरात जाने के मामले में इसकी रोकथाम के लिए परीक्षण कराया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शेखावत ने प्रश्नकाल के दौरान विधायकों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों के जवाब में यह बात कही। शेखावत ने कहा कि पहले राजस्थान से सिरेमिक इंडस्ट्री के लिए गुजरात जाने वाले कच्चे माल की ग्राइंडिंग राजस्थान में ही होती थी जिससे वेल्यू एडिशन होता था और यह ग्राइंडिंग किया हुआ माल ही गुजरात जाता था। लेकिन अब गुजरात में बडे़-बडे़ ग्राइंडिंग प्रोजेक्ट लगने के कारण वहां के इंटीग्रेटेड सिरेमिक उद्योग राजस्थान से सीधे कच्चा माल ही ले रहे हैं। श्री शेखावत ने कहा कि अगर कच्चे माल पर वेल्यू एडीशन से प्रदेश को कर राजस्व का फायदा होता है तो उद्योग विभाग संस्तुति करेगा कि माइनिंग विभाग वित्त विभाग की राय लेकर कच्चे माल के बाहर जाने पर रोक लगाए।
शेखावत ने कहा कि प्रदेश में उत्पादित होने वाले खनिजों से सम्बन्धित उद्योगों को विकसित करने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। फेल्सपार और क्वाट्र्ज के मामले में गिलोट में सिरेमिक स्पेशल जोन बनाया है। साथ ही मसूदा के सतारा इंडस्टि्रयल एरिया में डेढ लाख वर्ग मीटर क्षेत्र को आरक्षित किया है। कजारिया टाइल्स, सेरा आदि सिरेमिक इंडस्ट्रीज के कई उद्योग यहां आ रहे हैं। गिलोट में कई फेक्टि्रयां प्रोडेक्शन के कगार पर हैं और कुछ ने उत्पादन शुरू कर दिया है। मसूदा में भी सेरा का प्रोजेक्ट लगा है।
उद्योग मंत्री शेखावत ने कहा कि राज्य के पिछडे़, अजा, अजजा क्षेत्रों में औद्योगीकरण के जरिए रोजगार सृजन एवं क्षेत्र का विकास हमेशा प्राथमिकता में रहा है। ताजा बजट में भी ऎसे क्षेत्रों में एम्प्लायमेंट सब्सिडी बढ़ाने की बात कही गई है।
शेखावत ने कहा कि प्रदेश के पिछडे, अजा, अजजा, आदिवासी क्षेत्रों में जो सब्सिडी एवं इन्सेंटिव दिए जा रहे हैं, वे देश के अन्य राज्यों में दिए जा रहे इंसेंटिव से ज्यादा कारगर हैं।
इससे पूर्व विधायक शंकरसिंह रावत के मूल प्रश्न के जवाब में उद्योग मंत्री शेखावत ने कहा कि राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों में भी मिनरल व्यवसाय अच्छी स्थिति में है। राजस्थान में मिनरल एवं माइनिंग व्यवसाय अन्य जिले के साथ-साथ अजमेर व राजसमन्द में भी होता है। शेखावत ने बताया कि राजस्थान का समस्त कच्चा माल गुजरात नहीं जाता है। अपितु आवश्यकतानुसार खनिज का निर्गमन विभिनन राज्याें व विदेशों में भी होता है। राजस्थान से गुजरात जाने वाले मिनरल में मुख्यतः क्वार्ट्ज, फेल्सपार, चाइना क्ले का उपयोग टाइल इत्यादि के निर्माण में किया जाता है तथा जीएसटी कानून में इन सभी वस्तुओं पर 5 प्रतिशत की दर से करदेयता अधिसूचित है।
उद्योग मंत्री ने बताया कि इन वस्तुओं से तैयार टाईल्स (अंतिम उत्पाद ) के विक्रय पर जीएसटी में 18 प्रतिशत की दर अधिसूचित है। जीएसटी के अन्तर्गत आगत कर का लाभ निर्बाध रूप से उपलब्ध होता है एवं अंतिम उत्पाद पर चुकाए गए कर में कच्चे माल पर देय कर भी सम्मलित होता है। जीएसटी एक गन्तव्य आधारित कर प्रणाली है। अतः माल की खपत जिस राज्य में होती है, कुल कर राजस्व में से राज्य का हिस्सा उस राज्य को प्राप्त होता है, जहां उस माल की खपत हुई है। राजस्थान से कच्चा माल गुजरात जाने को रोकने हेतु कोई पॉलिसी विचाराधीन नहीं है।
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