जयपुर। नई दिल्ली के होटल अशोक में आयोजित नेशनल रोड सेफ्टी काउंसिल की 18वीं और ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट काउंसिल की 39वीं मीटिंग में राजस्थान का पक्ष रखते हुए परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राज्य में सार्वजनिक परिवहन सेवा के तहत संचालित ग्रामीण परिवहन सेवा के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए घाटे वाली राशि की पूर्ति केंद्र सरकार द्वारा अपने कोष से की जानी चाहिए, ताकि राज्य सरकार पर आ रहे वित्तीय भार को कम किया जा सके। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान के दूरस्थ इलाकों में आम आदमी को सस्ता परिवहन उपलब्ध करवाने के लिए ग्रामीण परिवहन सेवा बहुत ही कारगर सिद्ध हुई है और इसका विस्तार किया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि राजस्थान की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए दूर-दूर की ढाणियों और गांव-कस्बे तक ग्रामीण परिवहन सेवा के तहत छोटी बसों का संचालन किया जाता है जिसके माध्यम से उन दूरस्थ ग्रामीण इलाकों की आम जनता के लिए सस्ते और सुलभ परिवहन की सुविधा देकर शहरों के मुख्य बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित की जा सकी है।
बैठक में खाचरियावास ने मोटर वाहन संशोधित अधिनियम 2019 में किए गए प्रावधानों में संशोधन की मांग रखते हुए कहा कि वाहनों पर ओवरलोडिंग की जुर्माना राशि पूर्व में न्यूनतम रुपए 2,000 थी, जिसे इस संशोधित अधिनियम में बढ़ाकर रुपए 20,000 कर दिया गया है जो कि अव्यावहारिक और वसूली योग्य नहीं है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से इस जुर्माना राशि को कम करने का आग्रह किया ताकि इसे व्यावहारिक बनाया जा सके।
खाचरियावास ने कहा कि प्रदेश में 29 जिला परिवहन कार्यालयों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण कार्य गति से किया जा रहा है, तथा राज्य में ट्रामा केयर के सुदृढ़ीकरण के लिए सवाई मानसिंह चिकित्सालय, जयपुर में 20 आईसीयू बेड क्षमता वाली नवीन गहन चिकित्सा इकाई की स्थापना की जा रही है। इसी तरह विभिन्न जिलों में ट्रॉमा स्टेबलाइजेशन यूनिट की स्थापना एवं डीडवाना में ट्रॉमा सेंटर का निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य प्रक्रिया अधीन है।
राजस्थान में रोड सेफ्टी को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे नवाचारों के बारे में बताते हुए खाचरियावास ने कहा कि राज्य की हर पंचायत में 50 सड़क सुरक्षा अग्रदूत बनाए जा रहे हैं जिसे संपूर्ण राज्य में अधिकाधिक बनाए जाने का लक्ष्य जल्द ही हासिल कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रत्येक माह के प्रथम कार्य दिवस पर नो व्हीकल डे मनाया जाता है ताकि आम आदमी में पैदल चलने या साइकिलों के माध्यम से चलने के व्यवहार को बढ़ावा दिया जा सके।
उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन किया हुआ जिसमें प्रतिवर्ष ट्रैफिक चालानों से प्राप्त राशि की 25 राशि से नियमित और पर्याप्त समर्पित सड़क सुरक्षा कोष की स्थापना भी की गई है। खाचरियावास ने कहा कि बजट घोषणा 2019-20 के तहत राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की त्रासदी को रोकने हेतु प्रदेश में हितधारक विभागों के मंत्रियों की मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया गया है जो समस्या के निदान हेतु सुझाव देगा।
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