जयपुर। विधायक जिग्नेश मेवाणी को जयपुर पुलिस ने चार घंटे नजरबंद रखने के बाद छोड़ा। उनके समर्थन में आए पूर्व मंत्री गोपाल केशावत को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। मेवाणी को प्रेस कान्फ्रेंस की भी अनुमति नहीं दी गई। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वहीं, नजरबंद हुए विधायक जिग्नेश मेवाणी की पुलिस अफसरों से बहस होती
रही। मेेवाणी का कहना था कि वह भारतीय संविधान और भीमराम अंबेडकर पर बात
करने आए थे। फिर भी जयपुर पुलिस ने बिना किसी ऑर्डर के एयरपोर्ट के बाहर
काफी देर रोके रखा। इसको कानूनी चैलेंज देने की बात कही। मेवाणी ने
अपनी गाड़ी में निगरानी के लिए सादा वस्त्रों में एक पुलिसकर्मी के बैठाने
का भी विरोध किया। इस पर उसे वापस उतार लिया गया। साथ ही, पहले यह कहते हुए
तामील नोटिस पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया कि वह जयपुर में सभा करने
नहीं आए। फिर क्यों नोटिस में इसका हवाला दिया गया है। जवाब में पुलिस ने उन्हें बताया कि उनके आने से मेड़ता में माहौल खराब होने की आशंका है। इस कारण उनके आने पर 30 अप्रैल तक पाबंदी लगाई गई है। इस दौरान में राज्य में प्रवेश नहीं कर सकत
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