-नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सचिन पायलट की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर दी प्रतिक्रिया
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जयपुर। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे सचिन पायलट की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सचिन पायलट को पूर्ववर्ती भाजपा शासन पर अनर्गल आरोप लगाने की बजाय अपनी ही कांग्रेस सरकार के 4 साल 4 माह के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की भी निष्पक्ष जांच की मांग उठानी चाहिए थी। लेकिन दुर्भाग्य रहा कि उन्होंने अपनी ही सरकार के काले कारनामों पर एक शब्द भी नहीं बोला।
राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री व पूर्व उपमुख्यमंत्री के बीच की अंतर्कलह इस कदर बढ़ी हुई है कि अब पायलट साहब अपनी ही सरकार के खिलाफ 11 अप्रैल को जयपुर में शहीद स्मारक पर अनशन पर बैठेंगे। गहलोत शासन में प्रत्येक विभाग व योजना में उच्च से लेकर निम्न स्तर तक भ्रष्टाचार का तांडव है। अच्छा रहे कि हर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के नामजद एक एक मिनी मुख्यमंत्री के कारनामों की भी जांच कराई जायें ताकि भ्रष्टाचार की हकीकत प्रदेश की जनता को पता चल सके।
राठौड़ ने कहा कि अडानी समूह को RTPP एक्ट की धज्जियां उड़ाते हुए सिंगल टेंडर के जरिये 1042 करोड़ रुपये से अब तक का सबसे महंगा 5.79 मिलियन टन कोयला खरीदने की मंजूरी देने के मामले में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग भी पायलट साहब को करनी चाहिये। साथ ही निजी विद्युत उत्पादनकर्ताओं से महंगी विद्युत खरीद घोटाला हो या जयपुर, जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम ने 1 लाख 4 हजार कृषि कनेक्शन टर्नकी प्रोजेक्ट पर देने के लिए 1600 करोड़ का भ्रष्टाचार कर 6 बार निविदाओं की शर्तों में मनमाफिक बदलाव कर जो चांदी कूटी गई उसकी भी जांच होनी चाहिये।
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस काजनघोषणा पत्र के पृष्ठ संख्या 36 के बिन्दु संख्या 28 में किये गये 'Zero Discretion, Zero Corruption & Zero Tolerance' का वादा तब धूलदर्शित हो गया जब ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल सर्वे में 67% और इंडिया करेप्शन सर्वे 2021 व ट्रेस रिश्वत जोखिम मैट्रिक्स 2021 के सर्वे में 78% लोगों ने यह माना कि गहलोत सरकार में बिना रिश्वत को कोई काम नहीं होता। इन सर्वे में राजस्थान को सर्वाधिक भ्रष्ट किन आधारों पर माना है , पायलट जी को इसकी भी जांच की मांग उठानी चाहिये।
राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में भ्रष्टाचार की गंगा इस कदर बह रही है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद PWD विभाग में भ्रष्टाचार को स्वीकार करते हुए कहा कि अधिकारियों और ठेकेदारों के गठजोड़ से राजस्थान की सड़कें बर्बाद हुई है। वहीं शिक्षक सम्मान समारोह में भी मुख्यमंत्री जी के सामने शिक्षकों ने ट्रांसफर में रिश्वत लेने की बात कहकर सरकार के जीरो टॉलरेंस की पोल खोली थी।
राठौड़ ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत राजस्थान में हो रहे 10 हजार करोड़ रुपए के कार्यों के टेंडर में गड़बड़झाले की भी जांच की मांग भी पायलट साहब को उठानी चाहिये। साथ ही पोषाहार वितरण में घोटाला हो या सांगोद के वरिष्ठ कांग्रेसी विधायक व पूर्व मंत्री भरत सिंह कुन्दनपुर द्वारा अवैध खनन के घोटाले के लगाये गये आरोप, इनकी भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिये।
राठौड़ ने कहा कि कोरोनाकाल में भरतपुर में पीएम केयर फंड से आवंटित वेंटीलेटरों को निजी अस्पतालों को देने में भ्रष्टाचार, ''रैपिड एंटिजन टेस्ट किट'' की खरीदी में भ्रष्टाचार, खरीदी नेगेटिव प्रेशर एम्बुलेंस की निविदा प्रक्रिया में भ्रष्टाचार पर भी पायलट साहब को मुखरता से आवाज उठाकर इन मामलों की भी जांच की मांग करनी चाहिये।
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