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दुर्गापुरा वन क्षेत्र में हरे पेड़ बचाओ आंदोलन से जुड़ेंगे विश्नोई समाज के लोग, पेड़ काटने पर है 6 माह का सजा का प्रावधान

People of Bishnoi community will join the movement to save green trees in Durgapura forest area, there is a provision of 6 months punishment for cutting trees - Jaipur News in Hindi

जयपुर। टोंक रोड के दुर्गापुरा इलाके में तरूछाया नगर के पास डोल का बाढ में फिनटेक पार्क बनाने के लिए रीको द्वारा काटे जा रहे हरे पेड़ों को बचाने के लिए चल रहे जन आंदोलन में अब विश्नोई समाज के लोग भी जुड़ रहे हैं। इस आंदोलन से जुड़ने के लिए कुछ लोगों ने आगे से पहल की है।

वहीं आंदोलनकारियों का कहना है कि हरे पेड़ों को बिना अनुमति काटना गंभीर अपराध है। इसके लिए फॉरेस्ट एक्ट 1953 के तहत पेड़ काटने वाले को 6 माह की सजा तक हो सकती है। अगर रीको के अफसरों ने यहां हरे पेड़ों की कटाई नहीं रोकी तो वे उनके खिलाफ पेड़ों की कटाई का मुकदमा दर्ज कराएंगे।
आंदोलनकारियों का कहना है कि यह वन क्षेत्र यहां ऑक्सीजन जोन का काम कर रहा है। बता दें कि रीको वर्ष 1982 में अवाप्तशुदा करीब 100 एकड़ जमीन पर खड़े हजारों हरे पेड़ों काटने पर उतारू है। वह वहां फिनलैंड औद्योगिक योजना विकसित करना चाहता है। वह भी तब जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति की सिफारिश है कि पेड ना काटे जाएं। प्राधिकरण भी इस क्षेत्र में हरे पेड़ों की गिनती करके नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में पेश कर चुका है।
दुर्गापुरा से सांगानेर के बीच घनी आबादी में स्थित यह क्षेत्र लंग्स (फेफड़ों के तौर पर काम करता है। स्थानीय लोग और छात्र इसका सख्त विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे पर्यावरण बिगड़ेगा। शनिवार को यहां जुटे लोगों ने विरोध करते हुए रीको की ओर से कराया जा रहा काम रुकवा दिया था।
रीको के अफसरों का कहना है कि उन्हें ऊपर से ही इस योजना को विकसित करने के निर्देश मिले हैं। इस जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट से रीको के पक्ष में वर्ष 2013 में इस क्षेत्र को औद्योगिक रखने का निर्णय हो चुका है।
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि रीको गुलाब चंद कोठारी की याचिका में राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी निर्देशों की परवाह नहीं कर रहा है। जबकि दोनों शीर्ष अदालतों ने हरे पेड़ों को नहीं काटने और घनी आबादी के बीच आए औद्योगिक क्षेत्रों को बाहर स्थानांतरित करने के आदेश दिए हुए हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रीको अगर इस 100 एकड़ जमीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करता है तो यह ऑक्सीजन जोन खत्म होने के साथ ही यहां भारी वाहनों के यातायात का दबाव काफी बढ़ जाएगा।
वहीं नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल का जयपुर को ट्रैफिक सिग्नल फ्री बनाने का सपना भी चकनाचूर हो जाएगा। क्योंकि इस जमीन पर जाने के लिए टोंक रोड से कोई अन्य मार्ग उपलब्ध नहीं है।

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Web Title-People of Bishnoi community will join the movement to save green trees in Durgapura forest area, there is a provision of 6 months punishment for cutting trees
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