जयपुर । मीनाकारी पेंटिंग वर्क कैनवास, वुडन, मैटेलिक, सिरेमिक, आदि किसी
भी फ्लेट सरफेस पर की जा सकती है। इसके लिये अत्यधिक धैर्य की आवश्यकता
होती है। यह कहना था उत्तराखंड की युवा कलाकार रूचिन गोयल का। रूचिन
शुक्रवार को राजस्थान स्टूडियों की सहायता से भारत और राजस्थान की
आर्टिस्ट कम्यूनिटी ‘द सर्किल‘ के लिये आयोजित ऑनलाईन मीनाकारी वर्क
वर्कशॉप में प्रतिभागियों को संबोधित कर रही थी। इस निःशुल्क वर्कशॉप का
आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव - सेलिब्रेटिंग इंडिया एट 75 के तहत से किया
गया। वर्कशॉप में लगभग 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वर्कशॉप के
दौरान रूचिन ने प्रतिभागियों को मीनाकारी पीकॉक बनाना सिखाया। उन्होंने
सर्वप्रथम वुडन एमडीएफ बोर्ड पर वाईट पेंट का डबल कोट किया और येलो कार्बन
की सहायता से डिजाइन को ट्रेस किया। इसके बाद उन्होंने मैटलिक गोल्ड कलर से
डिजाइन की आउटलाईनिंग की और फिर सी-ग्रीन, अल्ट्रामरीन ब्लू, पीकॉक ब्लू,
रेड, येलो, आदि वाटरबेस्ड ग्लास कलर का उपयोग कर अत्यंत आकर्षक मीकाकारी
पेंटिंग तैयार की। इसके बाद उन्होंने गोल्डन, ग्रीन और ब्लू कलर के कुंदन
स्टोन्स को फेविकोल की सहायता से पेंटिंग में लगा कर इसे डेकोरेट किया।
उन्होंने वर्कशॉप के दौरान अपने पूर्व में किये गये मीनाकारी वर्क भी
प्रदर्शित किये।
रूचिन ने आगे बताया कि आमेर के राजा मानसिंह ने
लाहौर से कुशल मीनाकारों को आमंत्रित कर जयपुर में बसाया था। जयपुर के
अतिरिक्त दिल्ली और बनारस भी मीनाकारी के महत्वपूर्ण केंद्र हैं। उन्होंने
आगे कहा कि मीनाकारी पैटर्न में मुख्य रूप से पक्षियों, फूलों एवं पत्तियों
के आकर्षक रूपांकनों का उपयोग किया जाता है।
द सर्किल कम्यूनिटी के बारे मेंस्लो
मो एक्सपीरियंसेज द्वारा ‘द सर्किल कम्यूनिटी‘ की शुरूआत कलाकारों की
इनवाइट-ओनली कम्यूनिटी के तौर पर की गई है। लगभग 1 घंटे से अधिक समय के
लिये आयोजित इन निःशुल्क सत्रों एवं कार्यशालाओं में समान विचारधारा वाले
कलाकार ना केवल गहन कलात्मक वार्ता करते हैं बल्कि विभिन्न कला स्वरूपों को
सीखने एवं साझा करने और आत्म-निरीक्षण के उद्देश्य से एक मंच पर एकत्र
होते हैं।
सेलिब्रेटिंग इंडिया एट 75ः बुलाये भारत (इंडिया कॉलिंग) के बारे में-भारत
की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अवसर पर भारत सरकार द्वारा आयोजित आजादी
का अमृत महोत्सव के तहत, ‘इंडिया चौक‘ पहल के तहत स्लो मो एक्सपीरियंसेज
द्वारा भारत की पारम्परिक कलाओं का जश्न बनाया जा रहा है। भारत के राष्ट्र
निर्माण के लिए किये गये इस प्रयास के तहत वर्चूअल इंडियन 839 9661 0877
आर्ट एक्सपीरियंस ‘बुलाये भारत‘ (इंडिया कॉलिंग) के माध्यम से 15 अगस्त
2021 से 15 अगस्त 2022 तक देश के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से
चुने हुए पारम्परिक कलाकारों को शामिल किया जा रहा है। विशेष रूप से
क्यूरेट किए गए इस वर्चुअल आर्ट एक्सपीरियंस में पेंटिंग पर आधारित 44 और
शिल्प पर आधारित 31 कला शैलियों को प्रस्तुत किया जा रहा है। इनके अतिरिक्त
26 अन्य महत्वपूर्ण स्थानीय कला शैलियों को भी इसमें शामिल किया गया है।
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