जयपुर । गहलोत सरकार ने भले ही 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर राज्य में मैग्निशियम कार्बोनेट, निकोटिन, तंबाकू या मिनरल ऑयल युक्त पान मसाला और फ्लेवर्ड सुपारी के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। लेकिन अब प्रदेश में विभिन्न जिलों में राज्य सरकार की नाक के नीचे पान-मसाला और गुटखा बेचने वालों में पहले से रखे स्टॉक पर ब्लैक मार्केटिंग करनी शुरू कर दी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सभी गुटखा, पान मसाला के दाम एमआरपी से ज्यादा वसूले जा रहे है, लेकिन राज्य सरकार के जिम्मेदार नुमाईंदे खमोश बैठकर तमाशा देख रहे है। चाहे कोई सा भी पान मसाला हो या गुटखा हो, सभी पर तीन से पांच रुपये ज्यादा वसूले जा रहे है। लेकिन अभी तक बैन लगने के बाद कोई अभियान चलाकर जांच पड़ताल नहीं की गई है।
भले ही राज्य सरकार ने युवाओं में नशे की लत को रोकने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। साथ ही महाराष्ट्र, बिहार के बाद राजस्थान देश का ऐसा तीसरा राज्य बन गया है, जहां इन उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध है।
लेकिन राजस्थान में अब पान मसाले और गुटखे पर ब्लैक मार्केटिंग का खेल जोरों पर चल रहा है।
। गौरतलब है कि इससे पूर्व सरकार ने ई-सिगरेट और संचालित हो रहे हुक्का बारों पर भी प्रतिबंध लगा रखा है।
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