जयपुर। महिला जागृति संघ द्वारा सुगंध दशमी के अवसर पर बड़े दीवान जी के मंदिर मनिहारों का रास्ता में राजमहल से जंगल की ओर सजीव झांकी को जैन धर्मावली देख हुए अभिभूत।
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संस्था अध्यक्ष शशि जैन ने बताया कि नाभिराय मरु देवी के नंदन आदि कुमार के जन्म के 15 महीने पहले ही कुबेर द्वारा रतन की वर्षा होने लगती है। सौंघर्म इंद्र के आदेश से दिक्कुमारियां माता की सेवा में रहती है, अयोध्या में जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। सौंघर्म इंद्र बालक को उठाकर सुमेरु पर्वत पर ले जाकर पांडू शिला पर उसका अभिषेक करते हैं। उसका रूप सौंदर्य देखने के लिए 1000 आंखें करके देखते हैं और तांडव नृत्य करते हैं आदि कुमार धीरे-धीरे बड़े होते हैं राज शासन संभालते हैं, 83 लाख वर्ष पूर्ण होने पर जब उनका जन्म उत्सव मनाया जाता है ,जिसकी आयु कुछ क्षण ही बची थी नीलांजना की मृत्यु के बाद उसी क्षण सौघर्म दूसरी वैसी नीलांजना को खड़ी कर देते हैं उनका मन संसार से विरक्त हो जाता है और वह जैनेश्वरी दीक्षा के लिए वन की ओर निकल जाते हैं कठोर तप करके केवल ज्ञान प्राप्त करके वह मोक्ष को प्राप्त करते हैं ।
संस्था सचिव बेला जैन ने बताया कि सजीव झांकी में शारदा सोनी रेखा गोधा,कुसुम ठोलिया, संभव जैन, निर्मला गंगवाल, दीपिका गोधा, ज्योति छाबड़ा, गरिमा, काशवी जैन, भवयी जैन, निर्मला वेद, प्रेमलता ने अपने अभिनय से सभी को अभिभूत और भावुक कर भगवान आदिनाथ की महिमा का बखान किया ।
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