जयपुर। प्रदेश में मौसमी बीमारियों के नियंत्रण हेतु व्यापक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। चिकित्सा दलों द्वारा जीका की रोकथाम के लिए क्षेत्रवार प्लान बनाकर स्क्रीनिंग एवं फोगिंग की कार्यवाही जा रही है। जयपुर शहर के 1 लाख 11 हजार 825 घरों में स्क्रीनिंग की जा चुकी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वीनू गुप्ता ने बताया कि जीका प्रभावित क्षेत्रों में विषेष सतर्कता बरती जा रही है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य टीमें घर-घर जाकर सर्वे व एन्टीलार्वा कार्यवाहियां कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 3 लाख 6 हजार 961 संभावित मच्छर प्रजनन साईट्स की जांच की गयी। इनमें से 80 हजार 329 कन्टेनरों, 5 हजार 567 पोटेंषियल ब्रीडिंग साईट्स की जांच कर लार्वा को मौके पर नष्ट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि 77 हजार 770 मच्छर संभावित स्रोतों नष्ट किया गया है एवं 26 हजार 559 स्थानों पर टेमीफोस डालने की कार्यवाही की गयी है। अब तक 1 लाख 20 हजार 246 लोगों को जीका/मौसमी बीमारियों के बारे में आवष्यक जानकारियां दी गयी हैं।
गुप्ता ने बताया कि स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया एवं स्क्रब टाइफस के मध्यनजर भी सभी स्वास्थ्यकर्मियों को विषेष गंभीरता बरतने के निर्देष दिये गये हैं। उन्हांेने बताया कि मौसमी बीमारियों के उपचार के लिए आवष्यक दवाईयां सभी स्वास्थ्य केद्रों पर उपलब्ध हैं । साथ ही सभी जिलाधिकारियों को दवाओं व जांच उपकरणों की उपलब्धता पर भी सतत रूप से निगरानी बनाये रखने के निर्देष दिये गये हैं। उन्हांेने बताया कि मौसमी बीमारियों के लक्षण पहचान, बचाव एवं उपचार सेवाओं के बारे में आमजन को जागरूक करने के उद्धेष्य से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
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