जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ नॉन क्रिमीलेयर के आधार पर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि ओबीसी के जाति प्रमाण पत्र की वैधता एक वर्ष होती है। क्रिमीलेयर में नहीं होने की स्थिति में सत्यापित शपथ पत्र के आधार पर प्रमाण पत्र को तीन वर्ष तक मान्यता दी जा सकती है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग के नॉन क्रीमीलेयर को आरक्षण का प्रावधान है। इसमें राज्य सरकार द्वारा किसी प्रकार का संशोधन नहीं किया जा सकता।
इससे पहले विधायक भागचन्द टांकड़ा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र दिशा निर्देश क्रमांक 54159 दिनांक 9 सितम्बर, 2015 एवं परिपत्र 8 अगस्त, 2019 के अनुसार ओबीसी के जाति प्रमाण पत्र की वैधता अवधि एक वर्ष की होती है, परन्तु क्रिमीलेयर में नहीं होने के संबधी तथ्य को तीन वर्ष के विधि सम्मत शपथ पत्र के आधार पर मान्यता दी गयी है।
भारत का लोकतांत्रिक इतिहास दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत, हम लोकतंत्र के जनक - पीएम मोदी
दक्षिण कोरिया - महाभियोग प्रस्ताव पारित होने के बाद राष्ट्रपति यून निलंबित, अब आगे क्या होगा?
ट्रंप की धमकियों पर मेक्सिको की राष्ट्रपति ने कहा - हम मेक्सिकन लोगों के स्वागत के लिए तैयार हैं
Daily Horoscope