जयपुर । प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि लम्बित न्यायिक प्रकरणों के निस्तारण, न्यायालयों की कमी एवं न्यायिक अधिकारियों के आवास की कमी दूर करने के लिए राज्य सरकार ने 165 करोड़ 95 लाख तथा 71 हजार रूपये के बजट का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि जोधपुर में बन रहे उच्च न्यायालय के भवन का निर्माण भी 2019 में पूरा हो जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
धारीवाल विधानसभा में गृह मामलात एवं न्याय मंत्री की ओर से मांग संख्या 6 न्याय प्रशासन तथा मांग संख्या 17 कारागार पर हुई बहस का उत्तर दे रहे थे। इसके बाद सदन ने न्याय प्रशासन की 11 अरब 42 करोड़ 95 लाख 46 हजार तथा कारागार की 1 अरब 94 करोड़ 37 लाख 97 हजार रूपये की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कारागारों में विभिन्न प्रकार के सुधार किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिन कैदियों ने एक-तिहाई सजा पूरी कर ली है उन्हें खुला बंदी शिविरों में भेजा जाएगा। इसके लिए सरकार ने एक समिति का भी गठन किया है। उन्होंने कहा कि ऎसे बंदी जो अधिक उम्र के हैं और जमीन पर नहीं सो सकते उन्हें चारपाई उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही बड़े कारागारों में प्रति 500 बंदियों पर अलग से रसोईघर बनाएं जाएंगे तथा भोजन सुधारने का भी प्रयत्न किया जा रहा है। वहीं सरकार कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने का भी विचार रखता है। उन्होंने कहा कि जेल स्टाफ की वेतन विसंगतियां भी दूर कर दी गई हैं।
धारीवाल ने कहा कि कारागरों में बंदियों तक हथियार पहुंचने पर रोक लगाने तथा निगरानी व्यवस्था विकसित करने के लिए भी सरकार ने एक समिति का गठन किया है। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि हार्डकोर अपराधियों की सुनवाई के लिए 25 कारागारों पर ई-कोर्ट के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंस की जाएगी। उन्होंने कहा कि कारागारों में मोबाइल, मादक पदार्थ तथा संदिग्ध सामग्री मिलने पर 20 अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर सीसीए नियम 17 के तहत कार्यवाही करते हुए नोटिस दिया गया है तथा सात अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। ऎसे ही मामलों में 25 अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध सीसीए नियम 16 के अंतर्गत कार्यवाही की गई है।
संसदीय कार्य मंत्री ने उदयपुर एवं बीकानेर में उच्च न्यायालय की सर्किट बेंच खोले जाने की मांग पर कहा कि स्टेट रीऑर्गनाइजेशन एक्ट 1956 के अनुसार राष्ट्रपति द्वारा राज्य के राज्यपाल तथा मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद ही नई सर्किट बेंच खोले जाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि सिविल जज कैडर की 197 रिक्तियों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि न्यायालयों में बड़ी संख्या में मामले लम्बित हैं जिनके निस्तारण की भी व्यवस्था की गई है। दस वर्ष से अधिक पुराने प्रकरणों का निस्तारण करने वाले देश के दस न्यायालयों में जयपुर महानगर न्यायालय को भी शामिल किया गया है।
धारीवाल ने कहा कि 2019-20 में किशोर न्याय बोर्ड के सुदृढ़ीकरण के लिए 34 न्याय बोर्ड में पूर्ण कालिक न्यायिक अधिकारी एवं स्टाफ का सृजन किया गया है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विरुद्ध अपराध मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए 6 विशेष न्यायालय खोले जा रहे हैं। इसके बाद राज्य के हर जिले में ऎसे न्यायालय कार्यरत हो जाएंगे। महिलाओं और बच्चों के प्रति यौन अपराध मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए 47 अतिरिक्त फास्ट ट्रैक न्यायालय खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा राज्य के विभिन्न स्थानों पर विभिन्न श्रेणियों के 33 न्यायालय भी खोले जाएंगे।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर 35 जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं तालुका स्तर पर 181 विधिक सेवा समितियां कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि स्थायी लोक अदालतों के माध्यम से जून 2019 तक 2 हजार 511 मामले निस्तारित किए गए हैं तथा 1763 व्यक्तियों को विधिक सहायता प्रदान की गई है। साथ ही 4295 विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किए गए। उन्हाेंने कहा कि पीड़ित प्रतिकार योजना के तहत भी जून 2019 तक 1318 प्रार्थना पत्रों का निस्तारण किया गया।
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