जयपुर। राज्य औषधि नियंत्रण विभाग ने औषधि एवं प्रसाधन साधन अधिनियम
के तहत दुधारू पशुओं में आक्सीटोसिन के दुरूपयोग को रोकने हेतु जयपुर,
जोधपुर एवं अजमेर में छापामार कर कार्यवाही की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा ने बताया कि
दुर्गापुरा स्थित जादौन नगर में आक्सीटोसिन इंजेक्शन तैयार करने एवं पैकिंग
करने की एक लघु इकाई पर कार्यवाही की। प्रकरण में इकाई के मालिक मो. असगर
के विरूद्ध शिप्रापथ थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी है।
शर्मा ने
बताया कि अर्जुन नगर जयपुर के पास स्थित एक मकान की तलाशी के दौरान पशु
आहार भण्डार के साथ बिना लेवल की 267 आक्सीटोसिन की प्लास्टिक की बोतले
पायी गयी। जिनमें से जांच हेतु नमूने लिये गये हैं। उन्होंने बताया कि शेष
आक्सीटोसिन की प्लास्टिक की बोतलों को जब्त कर मकान मालिक चन्द्रप्रकाश
यादव के खिलाफ महेशनगर थाने में एफआईआर दर्ज करवायी गयी है।
उन्होंने बताया
कि जोधपुर में मिल्कमैन काॅलोनी स्थित गणेश फार्म पर आक्सीटोसिन की 76
बोतलें पायी गयी है। जिनके नमूने लेकर निर्धारित प्रावधानों के तहत
कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि एक अन्य कार्यवाही में अजमेर
स्थित मनीष प्रोविजन स्टोर से आक्सीटोसिन की बोतलें बरामद की गयी है।
औषधि
नियंत्रक ने बताया कि ओक्सीटोसिन इंजेक्शन एक अत्यधिक शक्तिशाली औषधि है।
जिसका उपयोग प्रसव के दौरान यूट्रस के कान्ट्रक्शन को बढ़ाने में किया जाता
है। परन्तु कुछ लोग इस इंजेक्शन का उपयोग दुधारू पशुओं से अधिक दूध
निकालने, सब्जियों व फलों की पैदावार बढ़ाने हेतु करते हैं। इसके प्रयोग से
उत्पन्न खाद्य पदार्थों का मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर होता है।
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