जयपुर। सहकारी बैंकों में अब प्रबंध निदेशक (एमडी) की नियुक्ति के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी लेना जरूरी होगा। क्योंकि सहकारी बैंकों पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 35बी के प्रावधान लागू हो गए हैं।
ऑल इंडिया कोपरेटिव बैंक एम्पलाईज फैडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सहकार नेता सूरजभान सिंह आमेरा ने भारतीय रिजर्व बैंक की इस पहल का स्वागत किया है। उन्होंने इस सहकारी बैंकों के लिए क्रांतिकारी कदम बताया। कहा कि इससे सहकारी बैंकों में सुशासन बढ़ेगा। बल्कि इससे बैंक आर्थिक रूप से सुदृढ़ और सक्षम बनेंगे।
सहकार नेता आमेरा ने सहकारी बैंकों की आर्थिक मज़बूती व सुशासन के लिए इस प्रगतिशील निर्णय के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह का आभार जताया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आमेरा ने बताया कि AIBEA की सहकारी बैंकों पर दोहरा नियंत्रण समाप्त कर बी आर एक्ट के अधीन रिजर्व बैंक के प्रशासकीय नियंत्रण की लंबे समय से माँग थी।
रिजर्व बैंक द्वारा देश के सभी राज्य सहकारी बैंक औऱ ज़िला केंद्रीय सहकारी बैंको में एमडी व मुख्य कार्यकारी के पद पर नियुक्ति को लेकर नये दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
यह अनिवार्यता अपैक्स बैंक व सीसीबी में एमडी की नियुक्ति/पुनर्नियुक्ति अथवा पद से हटाए जाने के लिए भी लागू होगी।
प्रदेश में एक अपेक्स बैंक व 29 केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) हैं। नई व्यवस्था से सिफ़ारिशी आधार पर लगने वाले अयोग्य व अपात्र लोगों की नियुक्ति पर रोक लगेगी। मुख्य कार्यकारी की जवाबदेही और ज़िम्मेदारी तय होगी।
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