जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की
आशंका को देखते हुए प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा एवं आजीविका को सुचारू
रखने के लिए जनहित में आवश्यक कदम उठाये जाने का निर्णय लिया है। उन्होंने
संक्रमण की रोकथाम के लिए कोविड प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना करवाने तथा
विभिन्न समारोहों में एवं कार्यक्रमोंं में लोगों की संख्या सीमित रूप से
अनुमत करने के साथ ही कोविड उपचार एवं जांच व्यवस्था को और बेहतर बनाने के
निर्देश दिए हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण
दुनिया के कई देशों के साथ ही देश के कई राज्यों में भी फिर तेजी से बढ़ रहा
है। राजस्थान में भी विगत कुछ दिनों में पॉजिटिव केस की वृद्धि दर अचानक
बढ़ी है। ऎसे में कोरोना की दूसरी लहर से लोगों का जीवन बचाने तथा आजीविका
को सुचारू रखने के लिए कुछ कदम उठाना जरूरी है अन्यथा स्थिति भयावह हो सकती
है। बैठक में कोविड संक्रमण की बढ़ती स्थिति व अन्य राज्यों में बढ़ते केसेज को देखते हुए निम्नलिखित निर्णय लिये गये-
•
आगामी 25 मार्च से राजस्थान में बाहर से आने वाले सभी यात्रियों के लिए 72
घंटे के भीतर की आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगी। पूर्व में
केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश के लिए इसकी
अनिवार्यता थी। अब सभी राज्यों के लिए इसे अनिवार्य किया गया है। एयरपोर्ट,
बस स्टैण्ड तथा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की जांच भी की जायेगी।
•
जो यात्री नेगेटिव रिपोर्ट के बिना आएंगे उन्हें 15 दिन के लिए क्वारंटीन
रहना होगा। सभी जिला कलक्टर अपने जिलों में संस्थागत क्वारेंटीन की
व्यवस्था भी पुनः प्रारम्भ करेंगे।
•
कार्यालयों में कार्मिकों को कार्य की आवश्यकता के अनुरूप ही कार्यालय
अध्यक्ष द्वारा कार्मिकों को बुलाया जावे। इस संबंध में कार्यालय अध्यक्ष
निर्णय लेने के लिए अधिकृत होंगे।
• राज्य के
सभी नगरीय निकायों में 22 मार्च से रात्रि 10 बजे के बाद बाजार बंद रहेंगे।
अजमेर, भीलवाड़ा, जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, सागवाड़ा एवं कुशलगढ़ में
रात्रि 11 से प्रातः 5 बजे तक नाइट कफ्र्यू रहेगा।
•
नाइट कफ्र्यू की बाध्यता उन फैक्टि्रयों पर लागू नहीं होगी जिनमें निरंतर
उत्पादन होता है तथा रात्रिकालीन शिफ्ट की व्यवस्था है। साथ ही आईटी
कंपनियां, रेस्टोरेंट, कैमिस्ट शॉप, अनिवार्य एवं आपातकालीन सेवाओं से
संबंधित कार्यालय, विवाह संबंधी समारोह, चिकित्सा संस्थान, बस स्टैण्ड,
रेलवे स्टेशन एवं एयरपोर्ट से आने-जाने वाले यात्री, माल परिवहन करने वाले
वाहन तथा लोडिंग एवं अनलोडिंग के नियोजित व्यक्ति नाइट कफ्र्यू की व्यवस्था
से मुक्त होंगे।
• सभी संस्थानों में
मास्किंग, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजिंग की अनिवार्य पालना सुनिश्चित करनी
होगी। अन्यथा इन्हें सीज किया जा सकेगा।
•
मिनी कंटेंनमेंट जोन की व्यवस्था पुनः लागू होगी। जहां भी पांच से अधिक
पॉजिटिव केस सामने आएंगे वहां उस क्लस्टर या अपार्टमेंट को कंटेंनमेंट जोन
घोषित किया जाएगा। बीट कांस्टेबल की निगरानी में कंटेनमेंट की सख्ती से
पालना कराई जाएगी।
• प्राथमिक स्कूल आगामी आदेश
तक बंद रहेंगे। इससे ऊपर की कक्षाओं एवं कॉलेजों में कोविड प्रोटोकॉल की
पालना के साथ शैक्षणिक गतिविधियां संचालित होंगी। इनमें स्क्रीनिंग एवं
रेंडम टेस्टिंग अनिवार्य होगी। अभिभावकों की लिखित सहमति से ही बच्चे
शिक्षण संस्थानों में आ सकेंगे। कक्षा में 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी
उपस्थित नहीं हो सकेंगे।
• विवाह समारोह में
200 एवं अंतिम संस्कार में अधिकतम 20 लोगों को ही अनुमत किया जाएगा। विवाह
की सूचना संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट को ई-मेल से भी दी जा सकेगी। प्रशासन
के मांगने पर विवाह समारोह से संबंधित वीडियोग्राफी उपलब्ध करानी होगी। साथ
ही बंद स्थानों पर होने वाले अन्य समारोह में भी हॉल क्षमता की 50 प्रतिशत
क्षमता तक अधिकतम 200 लोगों के लिए ही अनुमति होगी। इसके लिए प्रशासन को
पूर्व सूचना देना अनिवार्य होगा।
• एक लाख से
अधिक आबादी वाले शहरों में खुले स्थानों पर होने वाले सामाजिक, राजनीतिक,
खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक आदि सार्वजनिक कार्यक्रमों
में अधिकतम 200 व्यक्तियों की सीलिंग रहेगी।
•
धार्मिक स्थलों पर आयोजित होने वाले उत्सवों, त्यौहारों, मेलों आदि के
संदर्भ में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अपील की है कि प्रबंध समितियां
ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था कराएं। आमजन भी परिवार सहित स्वयं के घर में
दर्शन करें।
• मुख्यमंत्री ने विगत एक वर्ष में
विभिन्न त्यौहारों पर आमजन द्वारा बरती गई सावधानी एवं सहयोग की सराहना
करते हुए कहा है कि वे संक्रमण का फैलाव रोकने की दृष्टि से होली-धुलण्डी
सहित आगामी सभी त्यौहारों पर भीड़-भाड़ से बचें। परिवार सहित त्यौहार घर पर
ही मनाएं और कोविड प्रोटोकॉल की पालना निरंतर करें।
• गहलोत ने धार्मिक ट्रस्टों, प्रबंध समितियों एवं स्वयंसेवी संगठनों
से अपील की है कि वे दर्शन करने वालों को के लिए मास्क एवं सेनेटाइजिंग आदि
की समुचित व्यवस्था करें।
उक्त सभी दिशा-निर्देश तुरंत प्रभाव से लागू होंगे।
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