जयपुर। तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि राज्य सरकार तकनीकी शिक्षा के विस्तार को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में पहली बार नई तकनीकी शिक्षा नीति लाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि इस नीति में आवश्यक मापदण्ड व दिशा-निर्देश आदि शामिल किये जायेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गर्ग प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में तकनीकी शिक्षा महाविद्यालय खोलने के सम्बन्ध में कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एवं तकनीकी विश्वविद्यालयों के लिए मापदण्ड निर्धारित है। उन्होंने कहा विश्वविद्यालय मापदण्ड व पैरामीटर की पालना सुनिश्चित करती है तथा सरकार केवल एनओसी देती है।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी एवं निजी तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों में ली जा रही फीस में वर्तमान में ज्यादा अन्तर नही है। उन्होेंने बताया कि वर्तमान में सरकारी महाविद्यालयों में 60 हजार एवं निजी महाविद्यालयों में 70 हजार फीस ली जा रही है। उन्होंने बताया कि सीकर व झुन्झुनूं जिलों में वर्तमान में जो प्रोजेक्ट चल रहे है उनमें 3 हजार 702 सीटें है।
गर्ग ने बताया कि वर्तमान में धौलपुर व करौली तथा भरतपुर जिलों में 30 से 40 किलोमीटर परिधि में महाविद्यालय स्वीकृत है लेकिन छात्रों की संख्याा कम है उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान नवलगढ़ मुख्यालय पर राजकीय तकनीकी शिक्षा महाविद्यालय खोलने का विचार नही है।
इससे पहले विधायक राजकुमार शर्मा के मूल प्रश्न के जवाब में गर्ग ने बताया कि राजकीय क्षेत्र में नया अभियांत्रिकी महाविद्यालय खोलने हेतु राज्य सरकार के कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं है। राजकीय क्षेत्र में नया अभियांत्रिकी महाविद्यालय खोलने का निर्णय, क्षेत्रीय आवश्यकताओं का गुणावगुणों के आधार पर आंकलन करते हुए वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर किया जाता है।
उन्होंने बताया कि नया अभियांत्रिकी महाविद्यालय खोलने की प्रक्रिया व मापदण्ड अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ली, भारत सरकार द्वारा निर्धारित है जो कि प्रति वर्ष अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा जारी अपू्रवल प्रोसेस हैण्ड बुक में उल्लेखित होते हैं। उन्होंने आगामी सत्र 2019-20 में खोले जाने वाले नये अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के निर्धारित प्रक्रिया व मापदण्ड एवं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा जारी वर्ष 2019-20 अपू्रवल प्रोसेस हैण्ड बुक के चेप्टर वन की प्रति सदन की मेज पर रखी।
गर्ग ने बताया कि प्रदेश में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा नये अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के निरीक्षण एवं मापदण्डों के पूर्ण होने के बाद अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा जारी लेटर ऑफ अपू्रवल प्राप्त होने के पश्चात ही विश्वविद्यालय द्वारा सम्बद्धता प्रदान करने की कार्यवाही की जाती है।
उन्होंने राज्य सरकार के स्वायत्तशाषी संस्थान के रूप में संचालित अभियांत्रिकी महाविद्यालयों एवं अध्ययनरत विद्यार्थियों का विवरण भी सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने बताया कि नवलगढ़ मुख्यालय से जिला मुख्यालय सीकर एवं जिला मुख्यालय झुन्झुनू 30 से 40 किलोमीटर की परिधि में स्थित है एवं जिला सीकर एवं जिला झुन्झुनू में क्रमशः 05, 05 निजी अभियांत्रिकी महाविद्यालय संचालित है, जिनमें छात्रों के प्रवेश की संख्या कुल स्वीकृत निर्धारित सीटों से लगभग 20 प्रतिशत से भी कम है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विभाग के समक्ष विधानसभा क्षेत्र नवलगढ़ के नवलगढ़ मुख्यालय पर नया राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय खोलने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
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