जयपुर। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने शुक्रवार को यहाँ नेशनल वायरल हेपिटाइटिस कंट्रोल कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस के बारे में आमजन में व्यापक जागरूकता लाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। शीघ्र ही प्रदेश में स्वास्थ्य का अधिकार लाया जा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डॉ शर्मा ने बताया कि पंजाब के बाद राजस्थान दूसरा राज्य है जहां यह कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वायरल हेपेटाइटस की स्क्रीनिंग कर तथा समय पर उपचार करके ही इसके दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। प्रदेश में एस.एम.एस मेडिकल काॅलेज जयपुर, जेएलएन अजमेर तथा जोधपुर मेडिकल काॅलेज को हेपेटाइटस बी व सी की स्क्रीनिंग जांच व उपचार के लिए आदर्श उपचार केन्द्र के रूप में चुना गया है। सभी जिला चिकित्सालयों में हेपेटाइटस की जांच व उपचार केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हेपेटाइटस कंट्रोल प्रोग्राम के अन्तर्गत सभी आवश्यक दवाईयां जिला चिकित्सालयों में स्थापित हेपेटाइटस उपचार केन्द्रों पर भिजवाई जा रही हैं। यह सभी दवाईयां मरीजों को निशुल्क उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटस कंट्रोल प्रोग्राम के अन्तर्गत प्रदेश के चिकित्सकों को केन्द्रीय संस्थानों में भेजकर
प्रशिक्षण दिलवाया गया है। अब ये चिकित्सक अन्य चिकित्सकों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के चिकित्सा केंद्रों को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। विभाग द्वारा संस्थागत प्रसव पर समस्त शिशुओं को हेपेटाइटस की खुराक निःशुल्क दी जा रही है।
गर्भवती महिलाओं की जांच करवाकर हेपेटाइटस पाजीटिव पाये जाने पर निःशुल्क जांच व उपचार करवाया जा रहा है।
इस मौके पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के कंट्री हेड डॉ हेक बेकेडम ने कहा कि हेपेटाइटिस एक गंभीर समस्या है और इसके बारे में चिकित्सकों के साथ ही आमजन को जागरूक करने की आवश्यकता है1उन्होंने कहा कि राजस्थान स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक अभिनव प्रयास कर रहा है। पिछले दिनों राजस्थान ने तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन से अंतरराष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार प्राप्त किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य संयुक्त सचिव विकास शील ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश में इस वर्ष 3 आदर्श उपचार केंद्रों के साथ ही जिला स्तर पर उपचार सुविधाएं सुलभ करा दी जाएगी। इसके बाद यह सुविधा ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि नेशनल वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के तहत देश भर में करीब 5 करोड़ लोगों को आवश्यक स्क्रीनिंग व उपचार सुविधाएं सुलभ कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि संस्थागत प्रसव में गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिंग कर उनका उपचार किया जाएगा। यह सुविधा अभी प्रारंभ करने से देश मे वर्ष 2080 तक इस समस्या पर नियंत्रण किया जा सकेगा। उन्होंने इस कार्यक्रम से जुड़े स्वास्थ्य कर्मियों का हेपेटाइटिस टीकाकरण की आवश्यकता प्रतिपादित की। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस डे के दिन से नेशनल लेवल पर काल सेंटर भी प्रारंभ की जा रही है।
एमडी एनएचएम डॉ समित शर्मा ने बताया कि नेशनल वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम आज से प्रदेश में प्रारंभ किया जा रहा है व समुचित संख्या में चिकित्सकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के स्वास्थ्य आंकड़े निरंतर सुधार की ओर अग्रसर है। संस्थागत प्रसव बढ़कर अब 88 प्रतिशत हो चुका है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त निदेशक डॉ संध्या काबरा, प्रिंसीपल एसएमएस डॉ सुधीर भंडारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तथा सीएमएचओ व पीएमओ गण सहित संबंधित चिकिसक गण भाग ले रहे है ।
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