नई दिल्ली /जयपुर । राजस्थान के अलवर शहर
में मूक बधिर नाबालिग के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर
सियासी बवाल जारी है। इसी बीच राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने इस घटना पर
स्वत: संज्ञान लिया है और राजस्थान के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है।
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आयोग ने घटना पर कुछ सवाल भी पूछे हैं और 24 जनवरी तक जवाब के साथ
रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है। आयोग ने राजस्थान के मुख्य सचिव नोटिस जारी
कर पूछा है कि, घटना के आरोपी गिरफ्तार हुए है या नहीं ? यदि हुए हैं तो
किन धाराओं में उनकी गिरफ्तारी हुई है। वहीं यदि नहीं हुए हैं तो अब उन्हें
गिरफ्तार करने के लिए क्या कदम उठाया जा रहा है ? इसके अलावा भविष्य में
इस तरह की घटना को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
दरअसल इस
घटना पर शुक्रवार को जांच कर रही पुलिस ने यह कहकर चौंका दिया कि पीड़िता
के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई है। अलवर की पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम
ने खुद मीडिया के सामने आकर जानकारी दी और मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते
हुए कहा कि इस मामले में अभी रेप की पुष्टि नहीं हुई है।
उन्होंने
आगे बताया कि, लड़की जिस ऑटो में सवार थी, उसकी भी एफएसएल जांच कराई गई,
लेकिन वहां भी कोई संशय नजर नहीं आया है। जो आखिरी सीसीटीवी फुटेज मिला, वह
घटनास्थल से 300 मीटर पहले का है। जिसमें लड़की करीब 7:30 बजे चलते हुए
दिख रही है।
हालांकि दूसरी ओर बीते 4 दिन से आरोपियों की गिरफ्तारी
ने होने पर भाजपा इस मुद्दे पर सरकार और शीर्ष नेतृत्व को घेरने की कोशिश
में लगी हुई है।
--आईएएनएस
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