जयपुर। जवाहर कला केन्द्र के कार्यक्रम राग, एन ओवरनाईट
क्लासिकल फेस्टिवल का प्रारम्भ दीप प्रज्जवलन से हुआ। कार्यालय में मुख्य
अतिथि के तौर पर मौजूद थे राजस्थान के प्रतिष्ठित माड गायक पं चिरंजी लाल
तंवर एवं केन्द्र की महानिदेशक महोदया पूजा सूद एवं अतिरिक्त
महानिदेशक अनुराधा सिंह। इस सम्पूर्ण व अनूठे कार्यक्रम के दौरान न
सिर्फ जयपुर से, बल्कि राजस्थान के विभिन्न भागों से भी संगीतप्रेमी शामिल
हुए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कार्यक्रम का प्रारम्भ सारेगामा
फेम जयपुर के सुप्रसिद्ध उभरते हुए शास्त्रीय गायक मोहम्मद अमान ने किया।
प्रथम बन्दिश राग बागेश्वरी ए वमना देहो बता कब आयेंगे प्रीतम प्यारे
विलम्बित ताल एकताल 12 मात्रा से हुई।
दूसरी प्रस्तुति का प्रारम्भ विश्वप्रसिद्ध बांसुरी वादक पद्मविभूषण पं
हरिप्रसाद चौरसिया ने बांसुरी वादन से किया। आपने राग मारूविहाग को अपनी
प्रस्तुति को अपनी प्रस्तुति का माध्यम चुना। उसके उपरान्त पारम्परिक धुन
पेश की।
तीसरी प्रस्तुति के अन्र्तगत
प्रसिद्ध तबला नवाज उस्ताद् अल्ला रख्खा खां की श्शागिर्द अनुराधा पाल की
प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम का प्रारम्भ विलम्बित तीन ताल 16 मात्रा से हुआ-
पेशकार, गणेश परन, कायदा-गेना धागे ना धात्रक धागे ना, धात्रक धिकिट कात्रक
धिकिट धाति धागे तिन्ना किना, रेले लग्गे तोडे टुकडिया बंदिशें आदि
प्रस्तुत किया।
उसके उपरान्त सारंगी नवाज़ उस्ताद
लियाकत अली खान की प्रस्तुति हुई। राग रागेश्वरी- शुद्ध गंधार कोमल मध्यम
का बखूबी का बखूबी वादन किया उसके उपरान्त - विलम्बित तीन ताल व द्रुत
तीनताल में ही इसी राग में दो बंदिशें पेश की अपनी प्रस्तुति का समापन राग
मोहन कोस- तीनताल, द्रुत तीन ताल की रचनाओं से किया। लियाकत अली के साथ
तबले पर उस्ताद अकरम खान ने बखूबी साथ निभाया।पांववीं प्रस्तुति
के अन्र्तगत जयपुर घराने की मुर्धन्य गायिका श्रीमती अश्विनी भिडे
देशपांडे व श्री संजीव अभयंकर की जसरंगी प्रस्तुति से हुआ। इसके अन्र्तगत
शुद्ध धैवत का ललित एवं पूरिया धनाश्री- ताल विलम्बित एकताल व द्रुत एकताल-
भौर भई से प्रारम्भ हुआ।
ओवर नाईट कार्यक्रम का
समापन पंडित जसराज क गायन से हुआ। जसराज जी ने अपनी प्रस्तुति श्री
मुकुन्द लाट जी की लिखित रचनाओं से प्रारम्भ किया। दूसरी प्रस्तुति फरमाईश
बंदिश मेरो अल्ला तथा तीसरी व समारोह की अन्तिम प्रस्तुति गोविन्द दामोदर
की प्रस्तुति से लगभग 700 दर्शकों को सराबोर किया। आपके साथ संगति कलाकार
श्री रतन मोहन श्शर्मा व अंकिता जोशी गायन पर, श्रीधर पार्थ सारथी-मृदंगम्
पर, तबले पर श्री केदार पंडित तथा हारमोनियम पर श्री मुकुन्द पेटकर ने
बखूबी संगत कीं।
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