जयपुर। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की शासन सचिव मुग्धा सिन्हा ने कहा है कि सरकारी विद्यालयों एवं कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए अंग्रेजी एवं विज्ञान विषयों में लर्निंग आउटकम को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य के लगभग 2 हजार संस्थानों में प्रथम फेज में तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक, महिला बाल विकास एवं जनजातीय विभाग के अन्तर्गत आने वाले दूरदराज के विद्यालयों एवं कॉलेजों के विद्यार्थियों को विषय विशेषज्ञों की सेवायें आरओटी (रिसीव ओनली टर्मिनल) एवं एसआईटी (सेटेलाइट इंटरेक्टिव टर्मिनल) के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सिन्हा शुक्रवार को ने शासन सचिवालय में सैटकॉम टेक्नोलॉजी के प्रसार एवं उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा, शिक्षा, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक, महिला बाल विकास एवं जनजातीय विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि प्रारम्भिक स्तर पर लागू किए जाने वाले इस कार्यक्रम से कक्षा छह से बारहवीं तक के विद्यार्थियों का अंग्रेजी एवं विज्ञान विषयों का स्तर बढ़ाया जाएगा ताकि दसवीं एवं बारहवीं बोर्ड में बेहतर परिणाम प्राप्त हो सके।
दूरदराज के आदिवासी एवं अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों को मिलेगा फायदा: उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से सभी 134 मॉडल स्कूल, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों, समाज कल्याण विभाग के छात्रावासों, बालगृहों, जिले का एक सरकारी कॉलेज के विद्यार्थियों को सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही आदिवासी क्षेत्रों, मदरसों, अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों एवं दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित ऐसे संस्थानों को जिनमें शिक्षकों की कमी है, में भी प्राथमिकता के साथ आरओटी (रिसीव ओनली टर्मिनल) एवं एसआईटी (सेटेलाइट इंटरेक्टिव टर्मिनल) से जोड़कर लर्निंग आउटकम बढ़ाया जाएगा।
हज यात्रियों को जिला स्तर पर मिलेगा प्रशिक्षण: सिन्हा ने कहा कि हज जाने वाले यात्रियों को प्रशिक्षण के लिए जयपुर आना पड़ता है, लेकिन अब उन्हें जिला स्तर पर ही प्रशिक्षित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में एक सरकारी कॉलेज में आरओटी (रिसीव ओनली टर्मिनल) एवं एसआईटी (सेटेलाइट इंटरेक्टिव टर्मिनल) की स्थापना होने पर हज जाने वाले यात्रियों को प्रशिक्षण सुविधा जिला स्तर पर उपलब्ध होगी।
5 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्टस पर रहेगा विशेष फोकस: शासन सचिव ने कहा कि संबंधित विभागों में सेटेलाइट के संसाधन लगाने के उपरान्त समाज कल्याण विभाग की योजनाओं की जानकारी, वृद्धाश्रम एवं बालगृहों में उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं विभाग के अन्तर्गत संचालित 8 कम्यूनिटी रेडियो स्टेशनों के माध्यम से भी इंटरनेट विहीन एवं दूरस्थ इलाकों में शिक्षा से जुड़ी योजनाओं का भी प्रचार-प्रसार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा घोषित एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्टस करौली, धौलपुर, बारां, जैसलमेर एवं सिरोही जिलों में भी विशेष रूप से सेटकॉम टेक्नोलॉजी की सुविधा से जोड़कर लर्निंग आउटकम को बढ़ावा दिया जाएगा।
सिन्हा ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग संबंधित विभागों को सेटकॉम टेक्नोलॉजी से संबंधित संसाधन निःशुल्क उपलब्ध कराने के साथ विषय विशेषज्ञों की सेवायें भी प्रदान कराएगा। इसके लिए विभागों से समन्वय स्थापित किया जाएगा। बैठक में आयुक्त कॉलेज शिक्षा प्रदीप बोरड़, अतिरिक्त निदेशक समाज कल्याण जय नारायण मीणा, उप निदेशक अल्प संख्यक मामलात विभाग एम.ए. खान, उपायुक्त समग्र शिक्षा डॉ. अनुराधा गोगिया, उप निदेशक (आई.टी.) समाज कल्याण विभाग ज्योति, डीएसटी के परियोजना निदेशक डॉ. मनु सिकरवार, परियोजना अधिकारी सेटकॉम अभिषेक सिंह किलक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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