जयपुर। वर्ष 2014 में किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देने का वादा कर अपने भ्रामक चुनाव प्रचार की रूपरेखा बनायी थी तथा वर्ष 2016 में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की आय दुगुनी करने का जुमला दिया। वर्ष 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने उपभोक्ता मामलों से जुड़े वर्किंग कमेटी जिसके चेयरमेन तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को बनाया गया। इस समिति ने 02 मार्च, 2011 को अपनी रिपोर्ट सौंपी और उस रिपोर्ट में समिति के चेयरपर्सन होने के नाते पीएम मोदी ने सिफारिश की थी कि किसानों को एमएसपी पर भुगतान हो ऐसा कानून बनना चाहिए। आज नरेन्द्र मोदी स्वयं प्रधानमंत्री बन गए है किन्तु एमएसपी के लिए किसान आंदोलन कर रहा है। उक्त विचार हिण्डौली विधायक अशोक चांदना ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए प्रस्तुत किए।
उन्होंने कहा कि देश में 23 फसलों पर एमएसपी भारत सरकार द्वारा लागू की जाती है। उन्होंने कहा कि गेहूं की फसल पर सर्वाधिक एमएसपी पर खरीद की जाती है। उन्होंने कहा कि 2018-19 में राजस्थान में 112.8 लाख मैट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ था, उसमें से केवल 16 लाख मेट्रिक टन गेहूं एमएसपी पर खरीद का टारगेट रखा गया था जो कि मात्र 14 प्रतिशत है, कुल उत्पादन का। 2019-20 में 119.63 लाख टन का उत्पादन हुआ और उसके लिए 17 लाख टन खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि केन्द्र की समस्त एजेंसियां जिसमें एफसीआई, राजफैड, नाफेड, तिलम संघ सबने मिलाकर 17 लाख टन का टारगेट रखा था। उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल के आंकड़ों में जब 2 साल सर्वाधिक खरीद एमएसपी पर की गई है उसकी जानकारी लेने पर वर्ष 2021-22 में 126.8 लाख टन का उत्पादन हुआ, उसके बदले 23.25 लाख मेट्रिक टन एमएसपी पर खरीदा गया यह समस्त उत्पादन का मात्र 17.5 प्रतिशत है जो आज तक की सर्वाधिक खरीद की गई है। उन्होंने कहा कि 82.5 प्रतिशत किसानों ने ऐसा क्या पाप किया है जो कि उनके उत्पादन को नहीं खरीदा गया।
उन्होंने कहा कि 82 प्रतिशत से अधिक किसानों के द्वारा उत्पादन की खरीद ही एमएसपी पर केन्द्र सरकार द्वारा नहीं की गई है क्योंकि इससे इतना लक्ष्य ही खरीद का निर्धारित नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा वर्ष 2022-23 का है क्योंकि यह चुनावी वर्ष था। उन्होंने कहा कि 111.12 लाख मेट्रिक टन का उत्पादन हुआ और खरीद का लक्ष्य 23 लाख मेट्रिक टन का रखा किन्तु मात्र 3.91 लाख मेट्रिक टन की ही खरीद एमएसपी पर की गई जो कि लक्ष्य का भी मात्र 15 प्रतिशत है, कुल मिलाकर 3 प्रतिशत फसल को ही एमएसपी पर खरीदा गया।
राजस्थान में चुनाव होने पर तथा प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के कारण राजस्थान के किसानों के साथ सौतेला रवैया अपनाया था। उन्होंने कहा कि गेहूं से अधिक खरीद एमएसपी पर किसी भी फसल की नहीं की जाती है और जो आंकड़े प्रस्तुत किए है उसके अनुसार केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा एमएसपी पर खरीद नहीं कर अधिकांश किसानों के साथ केवल धोखा किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गांरटी देने में नहीं चुकते किन्तु उनकी गारंटी जुमला बन गई है। उन्होंने कहा कि मोदी की गारंटी की भी पोल खुल गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावों में गारंटी दी थी कि जिसका वर्णन 16 नवम्बर, 2023 को जारी संकल्प पत्र में है जिसमें कहा गया है कि 2700 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य दिया जाएगा। उसके बदले राजस्थान के किसान का केवल 2400 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य ही भुगतान हो रहा है। मोदी की गारंटी मात्र जुमला है जो 2014 से देश एवं राजस्थान प्रदेश के लोगों को देते आ रहे है। उन्होंने कहा कि गारंटी एक महत्वपूर्ण शब्द है जो उन्होंने कांग्रेस के कार्यों से ही लिया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में कांग्रेस की यूपीए सरकार ने मनरेगा योजना लागू कर रोजगार की गारंटी दी थी, यह गारंटी जब प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह थे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी थी तब प्रदान की गई थी। इसी प्रकार 2005 में आरटीआई के तहत् सूचना की गारंटी दी गई थी।
2013 में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत् देश में कोई भूखा नहीं सोएगा यह गारंटी भी कांग्रेस पार्टी ने देशवासियों को दी थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 में राईट टू एज्यूकेशन लाकर देश के बच्चों को शिक्षा की गारंटी अधिकार स्वरूप दी गई थी। उन्होंने कहा कि राजस्थान में वर्ष 2018 से 2023 के मध्य राजस्थान की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों को मुख्यमंत्री निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना, 100 यूनिट घरेलू बिजली के माफ होने तथा 2000 यूनिट तक किसानों के बिजली बिल माफ करने, मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत् 25 लाख रुपये तक के निःशुल्क ईलाज, कामधेनु योजना के तहत् पशुओं के 40 हजार रुपये तक का बीमा होने की गारंटी देकर लागू की गई थी जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भारतीय जनता पार्टी गारंटी शब्द जुमले के रूप में इस्तेमाल कर रहे है किन्तु लागू नहीं कर पा रहे है।
उन्होंने कहा कि देश के किसानों पर आज केन्द्र सरकार बहुतायत में अत्याचार कर रही है। उन्होंने कहा कि चेयरमेन के रूप में नरेन्द्र मोदी जो एमएसपी को कानून का रूप देने की सिफारिश करते थे आज एमएसपी की मांग करने वाले किसानों के साथ बर्बरता पूर्वक व्यवहार कर रहे है। उन्होंने कहा कि पूर्व में एक साल किसान आंदोलन चला जिसमें 750 किसान शहीद हो गए किन्तु प्रधानमंत्री का दिल नहीं पिघला और चार राज्यों के चुनावों के कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों से माफी मांगी।
उन्होंने कहा कि किसानों के लिए एमएसपी लागू होना आवश्यक है इसलिए कांग्रेस में हमारे नेता राहुल गांधी ने किसानों को गारंटी दी है कि यदि देश में कांग्रेस की सरकार बनी तो एमएसपी को कानून बनाकर लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस दिन देश में एमएसपी कानूनन लागू होगी किसान का वक्त बदलेगा तथा किसान आर्थिक रूप से सुदृढ़ होंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि आगामी समय में राजस्थान के किसानों को जाग्रत करने के लिए किसान आंदोलन को और मजबूत करने हेतु एमएसपी की गारंटी का कानून जल्द बनें इसलिए राजस्थान में पंचायत स्तर तक कांग्रेस पार्टी द्वारा किसानों को जाग्रत करने हेतु सभाएं एवं सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। जिसकी विस्तृत कार्य योजना एवं दिनांक शीघ्र ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा घोषित करेंगे।
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