जयपुर । राजस्थान के मीसा बंदी अब लोकतंत्र रक्षक सेनानी कहलायेंगे। जी हां वसुंधरा कैबिनेट ने फैसला लेकर मीसा बंदियों को लोकतंत्र रक्षक सेनानी का दर्जा दिया है । ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि प्रदेश में अभी मीसा बंदियों की संख्या 1 हजार 50 है, जिन्हें 12 हजार रुपये पेंशन और 12 सौ रुपये प्रतिमाह मेडिकल भत्ता दिया जाता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने बताया कि मंत्रिमण्डल की बैठक में ‘राजस्थान मीसा एवं
डी.आई.आर. बंदियों को पेंशन नियम, 2008‘ में संशोधन का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान मीसा एवं डी.आई.आर. बंदियों को पेंशन नियम,
2008 में संशोधन कर इसका नाम ‘राजस्थान लोकतन्त्र रक्षक सम्मान निधि नियम,
2008‘ किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने यह फैसला लिया है कि राजस्थान का मूल निवासी अगर राज्य के बाहर किसी अन्य प्रदेश की जेल में आपातकाल के दौरान बंद रहा हो, उसे भी पेंशन और मेडिकल भत्ता दिया जाएगा। इसके अलावा अब आपातकाल के दौरान जो व्यक्ति नाबालिग था, लेकिन एक महीने तक जेल में बंद रहा, उसे भी पेंशन और मेडिकल की सुविधा राज्य सरकार देगी। राठौड़ ने बताया कि पहले मीसा बंदी को संबंधित जेल से प्रमाण पत्र लेना पड़ता था, लेकिन अब किसी सासंद या विधायक के हस्ताक्षर से यह प्रमाणित कर सकेगा कि वह लोकतंत्र की रक्षा करते हुए जेल में बंद रहा था।
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