जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव महेश शर्मा ने कहा है कि चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ में थोड़ी भी नैतिकता शेष है तो उन्हें तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे देना चाहिए। प्रदेश में स्वाइन फ्लू, डेंगू जैसे गंभीर रोगों के प्रकोप के दौर में दो बार डॉक्टरों की हड़ताल के लिए सराफ की हठधर्मिता को जिम्मेदार ठहराते हुए शर्मा ने कहा कि हड़ताल में इलाज के अभाव में बड़ी संख्या में मरीजों की मौतें हुई, इसके लिए सराफ अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते । ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रदेश कांग्रेस महासचिव महेश शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा कि जब से सराफ चिकित्सा मंत्री बने हैं प्रदेश में मरीजों की जान के लाले पड़े हैं । एक साल में करीब 70 हजार नवजातों की मौत हो गई और चिकित्सा मंत्री कहते हैं कि मैं कोई जादूगर नहीं हूँ जो मौतें रोक लूं । शर्मा ने सवाल किया है कि क्या सराफ डॉक्टरों की हड़ताल नहीं रोक सकते थे, जब एक बार समझौता हो गया था तो सराफ ने हठधर्मिता अपनाकर वादाखिलाफी कर डॉक्टरों को हड़ताल के लिए विवश किया । डॉक्टरों से दुबारा समझौता भी सराफ कराने में नाकाम रहे, दूसरे विभागों के मंत्रियों को यह काम करना पड़ा।
शर्मा ने कहा कि मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र की जनता भी लंबे समय से सराफ की नाकामियों और वादाखिलाफी को भुगत रही है । जयपुर शहर में विकास का भेदभाव सराफ के निर्वाचन क्षेत्र की कटु सच्चाई है । महेश शर्मा ने कहा कि कालीचरण सराफ ना तो अच्छे मंत्री साबित हुए और ना ही अच्छे विधायक । इसलिए वे तत्काल प्रभाव से मंत्री पद से इस्तीफा दें ।
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