जयपुर। प्रदेश के उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा है कि लघु एवं सूक्ष्म उद्यम आर्थिक विकास की प्रमुख धुरी होने के साथ ही इन उद्यमों से ही सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एमएसएमई उद्यमों की सहज स्थापना और युवाओं के लिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए ही अध्यादेश लाकर कानून में बदलाव कर प्रदेश में उद्योगों की स्थापना को आसान बनाया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उद्योग मंत्री शनिवार को राज्य सरकार के टेक्नोहब में उद्योग विभाग की विचार मंथन कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला उद्योग केन्द्रों के महाप्रबंधकों को अपनी कार्यशैली व सोच में बदलाव लाते हुए उद्यमियों से सीधा संवाद कायम करना होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि जिलों के महाप्रबंधक राज उद्योग मित्र पोर्टल पर आवेदन कर पावती पाने वाले उद्यमियों से संपर्क कर उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन व सहयोग करें ताकि उद्यमियों को काम शुरु करने में आवश्यकता या सहयोग जिलों में ही मिल सके।
उन्होंने रीको, आरएफसी और अन्य वित्तदायी संस्थाओं से भी समन्वय बनाने के निर्देश दिए ताकि उद्यमी जल्दी से जल्दी अपना उद्यम शुरु कर सके।
प्रमुख शासन सचिव एमएसएमई आलोक ने कहा कि उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एमएसएमई क्षेत्र के विकास और संवर्द्धन के लिए गंभीर है। उन्होंने कहा कि बदले माहौल में उद्योग अधिकारियों की भूमिका में बदलाव आया है और ऐसे में अब अधिकारियों को रेगुलेटर नहीं अपितु फेसिलिएटर की भूमिका में आगे आना होगा।
आलोक ने अधिकारियों से कहा कि बड़ी सोच लेकर आगे बढ़ने के अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उद्यमियों को महसूस होना चाहिए कि उनकी समस्याओं का समाधान के लिए जिला उद्योग केन्द्र हैं। इसके लिए केन्द्र राज्य की योजनाओं की नवीनतम जानकारी के साथ ही सहयोगी मानसिकता बनानी होगी।
उद्योग आयुक्त डाॅ. कृृष्णा कांत पाठक ने कहा कि प्रदेश के समग्र औद्योगिक विकास के लिए विभाग नई नीतियां ला रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत जल्दी ही प्रदेश का औद्योगिक किवास का परिदृष्य बदला हुआ होगा इसके लिए अभी से विभाग के अधिकारियों को तैयार व चुस्त दुरुस्त होना होगा। नई उद्योग नीति, निर्यात ब्यूरो, समस्या निवारण मैकेनिज्म, हस्तशिल्प और हस्तकला विकास के साथ ही उद्योग हाटों को लेकर सरकार नया सोच रखती है और जल्दी ही यह सब नए रुप में आने वाला है ऐसे में जिला उद्योग केन्द्रों की कार्यप्रणाली को लाइव बनाना होगा।
डाॅ. पाठक ने कहा कि विचार मंथन कार्यशाला के आयोजन का प्रमुख उदेश्य जिले के अधिकारियों को नए कानून, होने वाले बदलावो और केन्द्र व राज्य की योजनाओं की जानकारी देते हुए उन्हें अपडेट रहते हुए काम करना होगा। उन्होंने कहा कि अब कुछ नया करने की पहल करनी होगी।
विभिन्न सत्रों में प्रजेंटेशन दिए गए जिसमें ग्रोट टोरंटन के पद्मनाभन ने केन्द्र सरकार की विभिन्न क्षेत्रों की कलस्टर योजनाओं कीी विस्तार से जानकारी दी। संयुक्त निदेशक एसएस शाह ने मार्केटिंग व उद्योग नीति, पीआर शर्मा ने कमजोर उद्योगों के पुनर्वास कार्यक्रम, पीएन शर्मा ने नई ऋण नीति, सीबी नचल ने एमआईएफसी फेसिलिएटेशन सेंटर विकास व संजय मामगेन ने नए राज उद्योग मित्र पोर्टल पर प्रजेंटेंशन दिए।
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