जयपुर । मनरेगा योजना लिए केंद्र से भुगतान नहीं होने से गहलोत सरकार आपूर्तिकर्ताओं को सामग्री का भुगतान नहीं कर पा रही है। वर्तमान में राज्य के सामग्री मद के तहत 1500 करोड़ रुपये बकाया है। इसके बकाया होने से आपूर्तिकर्ताओं की सामग्री का भुगतान 1 अक्टूबर 2018 से नहीं हो पा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वहीं इस बकाया भुगतान की मांग को लेकर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह और डिप्टी सीएम सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत तरफ से केंद्र सरकार को खत लिखा जा चुका है। लेकिन अभी तक बकाया भुगतान नहीं हो सका है। इसके चलते अब फिर से राज्य सरकार की तरफ से खत लिखा जा रहा है।
आपको बता दे कि मनरेगा के श्रम नियोजन में राजस्थान देश में अव्वल है। लेकिन सामग्री मद की धनराशि अटकने से गहलोत सरकार आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान नहीं कर पा रही है। ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह के मुताबिक केंद्र सरकार को 1500 करोड़ रुपये के भुगतान को लेकर खत लिखा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि वर्तमान में लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू है, इसके चलते भी यह धनराशि अटक सकती है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार और गहलोत सरकार की आपसी खींचतान के चलते यह धनराशि जो स्वीकृत थी, वह अक्टूबर 2018 से ही अटकी हुई है।वहीं डिप्टी सीएम सचिन पायलट के पास ग्रामीण विकास पंचायती राज विभाग है, वह भी चुनाव प्रचार में अपनी व्यस्तता के कारण इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दे पा रहे है।
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