नई दिल्ली। वैसे तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत से ही मीडिया फ़्रेंड्ली नेता रहें है और समय-समय पर मीडिया के प्रति उनके स्नेह और अनुराग एवं संवेदनशीलता के किस्से अक्सर पढ़ने और सुनने में आते हैं। उनका यह गुण ही उन्हें अन्य नेताओं से अलग और विशिष्ट बनाता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
देश की राजधानी नई दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पूर्व चाणक्यपुरी स्थित हरियाणा भवन में देर रात तक चलने वाली बैठकों के दौर में कंपकंपाती सर्दी के मध्य खुले आकाश के नीचे भूखे-प्यासे बाइट की इंतज़ार में खड़े रहने वाले मीडिया प्रतिनिधियों के दर्द को उन्होंने समझा था और राज्य सरकार के तत्कालीन सूचना अधिकारी जी.एन.भट्ट सभी पत्रकारों को राजस्थान हाउस ले जाकर प्रतिदिन डीनर कराने और उनकी सार-सम्भाल के निर्देश देकर अपनी बेजोड़ संवेदनशीलता का परिचय दिया था।
ऐसा ही एक वाकिया हाल ही राज्यसभा चुनाव से पहलें कांग्रेस और समर्थित विधायकों की बाडेबंदी के लिए चर्चित उदयपुर के होटल ताज अरावली के निकट भी देखने को मिला है। मुख्यमंत्री गहलोत बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों की कथित नाराज़गी दूर कर रविवार को उन्हें विशेष विमान से उदयपुर लेकर आयें। मुख्यमंत्री की कारों का क़ाफ़िला डबोक स्थित महाराणा प्रताप एयरपोर्ट से उदयपुर के ताज अरावली की ओर सरपट फ़रार्टे मारता हुआ गुजर रहा था। इस दौरान गहलोत की नज़र चिलमिलाती धूप में पसीने से लथपथ मीडिया प्रतिनिधियों पर पड़ी। मुख्यमंत्री अपने साथी विधायकों को होटल तक ड्रॉप कर वहाँ रुके बिना वापस उस स्पॉट पर पहुँचें जहां मीडिया के लोग खड़े थे। उन्होंने मीडिया से कहा कि आपको कड़ी धूप में खड़े देख वापस मुड़ कर आया हूँ।उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों की समस्याओं को जाना और तत्काल जिला प्रशासन को निर्देश देकर मीडिया के लिए छाया हेतु टेंट लगवायें और कूलर ठण्डे पानी आदि व्यवस्थाएं कराई। गहलोत के इस विशाल हृदय और संवेदनशीलता को देख मीडिया प्रतिनिधि गदगद हो गए। उदयपुर के एक पत्रकार प्रतिनिधि ने विशेष बातचीत में बताया कि ज़मीन से जुड़े मुख्यमंत्री गहलोत ने उदयपुर में पिछलें माह 13 से 15 मई तक इसी ताज अरावली होटल में हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय नव संकल्प शिविर के समय भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और चार सौ से अधिक प्रतिनिधियों की मेज़बानी करते समय भी दरियादिली से मीडिया की व्यक्तिगत स्तर पर सार सम्भाल और निर्बाध कवरेज की व्यवस्थाएं की थी।
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