जयपुर । संसद के मानसून सत्र के दौरान सांसद
दीया कुमारी ने कम्पनियों के सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के क्षेत्र
में सुधार का मुद्दा उठाते हुए कंपनियों के लिए सख्त सीएसआर नीतियां बनाने
की मांग की। सांसद दीया कुमारी ने कहा कि राजसमंद में हिंदुस्तान जिंक और
नुवोको सीमेंट जैसे कई उद्योग हैं जो वर्षों से स्थानीय संसाधनों का उपयोग
कर रहे हैं लेकिन क्षेत्र के विकास के लिए उनका योगदान पर्याप्त नहीं दिया
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नियम 377 के तहत लोकसभा में बोलते हुए सांसद दीया ने कहा कि
सीएसआर का मामला पूरी तरह से कंपनियों पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए कि वे अपने
सीएसआर खर्च का क्षेत्र तय करें। कंपनियों के लिए ऐसी सख्त सीएसआर नीतियां
होनी चाहिए, जिससे कि कंपनियों को अपने फंड का एक निश्चित प्रतिशत
क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे के विकास जैसे कि स्कूल, सड़क, अस्पताल आदि का
निर्माण के लिए खर्च करना पड़े।
वहीं, निजी क्षेत्र की कंपनियों को
''एडॉप्ट ए हेरिटेज' योजना के तहत स्मारकों के रखरखाव में शामिल किया जाना
चाहिए। 75 प्रतिशत स्थानीय कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए स्पष्ट
दिशा-निर्देश भी होने चाहिए। सांसद दीया कुमारी ने कहा कि इस नीति परिवर्तन
से देश के विभिन्न क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास को अत्यधिक लाभ
होगा।
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