जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जिन लोगों ने कोविड
वैक्सीन की दूसरी डोज अभी तक नहीं लगवाई है, उन्हें अभियान चलाकर जागरूक
किया जाए ताकि वैक्सीनेशन से कोरोना संक्रमण के खतरे को न्यूनतम किया जा
सके। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर, सीएमएचओ एवं अन्य अधिकारी यह सुनिश्चित
करें कि उनके जिलों में अधिकाधिक लोगों को दूसरा डोज भी समय पर लग जाए,
ताकि संक्रमण की गंभीर स्थिति से बचाव हो सके। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन
में राजस्थान को मॉडल स्टेट बनाएं और जिन लोगों के वैक्सीन नहीं लगी है, उन
सभी को वैक्सीन लगाई जाए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गहलोत शनिवार को
वीसी के माध्यम से कोविड-19 की वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं, उन्हें यह समझना
चाहिए कि उनकी लापरवाही से दूसरों को संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने
कहा कि प्रदेशभर में अभियान चलाकर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित
किया जाए। गैप पूरा होने के बाद भी जिन्होंने दूसरी डोज नहीं लगवाई है, वे
अनिवार्य रूप से दूसरी डोज लगवा लें। मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया
कि प्रदेश में 3 नवम्बर से 30 नवम्बर, 2021 तक चलने वाले ‘हर घर दस्तक’
अभियान के तहत घर-घर जाकर कोविड टीकाकरण की पहली एवं दूसरी डोज से वंचित
लोगों की पहचान कर वैक्सीनेशन किया जा रहा है। अभियान में 26 नवम्बर तक 21
लाख 6 हजार से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन किया गया है।
गहलोत ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान लोगों ने मास्क
लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य एहतियात बरती लेकिन पिछले कुछ समय से
कोविड प्रोटोकॉल की पालना को लेकर लोग लापरवाह हो रहे हैं। विश्व के कई
देशों में कोरोना संक्रमण फिर से खतरनाक स्थिति में है। रूस में अस्पतालों
में बैड नहीं मिल रहे हैं और जर्मनी में हाल ही में काफी लोगों की कोरोना
से मौत हो चुकी है। ऎसे में, यहां भी हमें काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता
है। उन्होंने आयोजनों एवं अन्य भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाने की पालना
सुनिश्चित करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने दक्षिण
अफ्रिका, बोत्स्वाना सहित कुछ देशों में फैले कोविड के नए वेरियंट
‘ओमीक्रॉन’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह वेरियंट काफी तेजी से फैल रहा है
एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वेरियंट ऑफ कंसर्न माना है। इसी देखते
हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट पर रहते हुए आवश्यक
तैयारियां रखे। उन्होंने वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने
कहा कि जिन लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं और इम्यूनिटी कमजोर
है, उनको बूस्टर डोज लगाने की अनुमति के लिए केन्द्र सरकार से लगातार मांग
की जा रही है। इस सम्बन्ध में उन्होंने पिछले दिनों प्रधानमंत्री को लिखे
पत्र का भी जिक्र किया।
गहलोत ने कहा कि
कोरोना के दौरान विधवा हुई महिलाओं, अनाथ बच्चों एवं कोरोना के दौरान
ड्यूटी पर रहते हुए संक्रमण से जान गंवाने वाले सरकारी कर्मचारियों,
संविदाकर्मियों के साथ ही पत्रकारों के लिए राज्य सरकार ने पैकेज घोषित
किया था। जिला कलक्टर ऎसे मामलों की पर्याप्त मॉनिटरिंग करते हुए संवेदनशील
तरीके से पात्र लोगों को समय पर पैकेज का लाभ पहुंचाने को प्राथमिकता
दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हैल्थ
इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। कोविड
संक्रमण की पहली एवं दूसरी लहर में राज्य सरकार ने सभी के सहयोग से शानदार
प्रबंधन करते हुए संसाधनों एवं धनराशि की कोई कमी नहीं आने दी थी। इस बार
भी किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए कोई कमी नहीं रखी जाएगी।
उन्होंने डेंगू के बारे में विशेषज्ञ चिकित्सकों से विस्तृत जानकारी ली और
इसकी रोकथाम के लिए और अधिक प्रयास करने को कहा।
बैठक
में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने विभाग के
अधिकारियों को वैक्सीनेशन को लेकर मिशन मोड पर कार्य करने तथा प्राथमिक
स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मरीजों को समय पर
इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए ताकि मरीज की स्थिति गंभीर होने से रोकी
जा सके।
शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री
वैभव गालरिया ने कोविड-19 के वर्तमान परिदृश्य पर प्रस्तुतीकरण दिया।
उन्होंने बताया कि राजस्थान में अभी 174 एक्टिव केसेज हैं, इनमें से
सर्वाधिक 100 केस जयपुर में हैं। उन्होंने बताया कि 26 नवम्बर तक प्रदेश
में कुल 6.69 करोड़ वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं। इनमें 4.32 करोड़ पहली डोज
जबकि 2.36 करोड़ दूसरी डोज लग चुकी है। उन्होंने बताया कि 84.1 प्रतिशत
लोगों को पहला जबकि 54.7 प्रतिशत लोगों को दूसरा टीका लग चुका है।
राष्ट्रीय स्तर पर पहली डोज लेने वालों की संख्या 83.16 प्रतिशत जबकि दूसरी
डोज लेने वालों की संख्या 46.1 प्रतिशत है। राजस्थान दोनों में राष्ट्रीय
औसत से आगे है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश
में सार्वजनिक स्थानों पर कोविड उपयुक्त व्यवहार की पालना के साथ ही
टेस्टिंग, टे्रकिंग एण्ड ट्रीटमेंट पर फोकस किया जा रहा है। जिन्होंने पहला
डोज नहीं लगवाया है, उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
बैठक
में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने नए वेरियंट ‘ओमीक्रॉन’ को काफी खतरनाक एवं
घातक बताया और कहा कि इसका म्यूटेशन डेल्टा से अधिक है और यह जल्दी
ट्रांसमिट हो रहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि भारत में इसका संक्रमण फैला तो
खतरा काफी बढ़ जाएगा। उनका कहना था कि जिन लोगों के वैक्सीन की दोनो डोज लग
चुकी हैं, उनके संक्रमित होने पर भी जान जाने का खतरा कम है। विशेषज्ञों ने
कोविड उपयुक्त व्यवहार की अनुपालना एवं सभी लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज
लगाने पर जोर दिया। साथ ही, मेडिकल प्रोफेशनल्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स एवं
संक्रमण का सीधा खतरा झेल रहे लोगों के लिए बूस्टर डोज की तैयारी रखने की
सलाह दी।
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