देव दर्शन, पूजन
आदि वर्जित ये भी पढ़ें - ठाकुरजी की बदली दिनचर्या, ओढ़ी रजाई, भोग में गर्म दूध के साथ गोंद के लड्डू
शास्त्राें में परंपरानुसार इस ग्रहण के सूतक काल में देव दर्शन, पूजन
आदि वर्जित रहते हैं, साथ ही जप-तप, ध्यान आदि करने पर अनंत फल मिलता है।
ग्रहणकाल में भोजन करना भी वर्जित माना जाता है, लेकिन भोजन करने की जरूरत
पर तुलसी का उपयाेग कर भोजन सेवन किया जा सकता है।
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