जयपुर। जयपुर शहर लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस और भाजपा में पेंच फंसा हुआ है। जयपुर शहर लोकसभा सीट से भाजपा से पूर्व विधायक दीया कुमारी ने पिछले कई दिनों से टिकट चाहने की इच्छा रखते हुए शहर के कार्यक्रमों में भागीदारी बढ़ा रखी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वहीं कांग्रेस की तरफ से राजीव अरोड़ा, संजय बापना, समेत अन्य कांग्रेसी युवा नेता टिकट मांगने के लिए होर्डिंग्स और बैनर का सहारा लेकर अपना अपना शक्ति प्रदर्शन करने में लगे है। इस सीट पर मौजूदा भाजपा सांसद रामचरण बोहरा भी खुद दोबारा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके है। लेकिन भाजपा में पेंच यह फंसा हुआ है कि जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ फिर से चुनाव मैदान में उतरने की इच्छा जाहिर कर चुके है। ऐसे में जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण दोनों सीटों पर राजपूत प्रत्याशी भाजपा के खड़े होने पर जातिगत समीकरणों की पार्टी आलाकमान देख रहा है।
जबकि इस बार कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि जयपुर शहर लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी की जीत होगी। पार्टी के मुताबिक विधानसभा चुनाव में किशनपोल, हवामहल, आदर्श नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी जीते है, इससे पार्टी की स्थिति जयपुर शहर में मजबूत हुई है। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों की माने तो जयपुर, अजमेर, जैसलमेर-बाड़मेर, चूरू और टोंक सवाई माधोपुर ऐसी सीटें हैं, जहां पार्टी को जिताऊ चेहरों की तलाश है, लेकिन इन सीटों पर जिताऊ चेहरों को तलाशने में पार्टी नेताओं को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। वहीं इन सीटों पर भाजपा में पेंच फंसा हुआ है।
टोंक विधानसभा सीट से पीसीसी चीफ सचिन पायलट की दमदार जीत के बाद भाजपा को टोंक-सवाईमाधोपुर सीट पर प्रत्याशी चयन को लेकर काफी माथा-पच्ची करनी पड़ रही है। यह हाल भाजपा का जैसलमेर-बाड़मेर सीट को लेकर है। यहां से मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद भाजपा को जिताऊ प्रत्याशी की तलाश है।
कांग्रेस की 15 मार्च को प्रस्तावित कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में अगर पांचों सीटों पर दावेदारों के नामों पर आम सहमति नहीं बनपाती है,तो इन सीटों पर प्रत्याशी तय करने का फैसला आलाकमान पर छोड़ा जा सकता है।
पांच सीटों में से दो सीटें चूरू और टोंक सवाईमाधोपुर ऐसी सीटें हैं, जहां पर पार्टी नेता असमंजस की स्थिति में है, इन दोनों सीटों पर अल्पसंख्यक वर्ग की दावेदारी है। ऐसे में पार्टी नेताओं के बीच आम राय नहीं बन पा रही है कि अल्पसंख्यक वर्ग को इन दोनों सीटों में से किस सीट पर प्रतिनिधित्व दें। इसके अलावा जैसलमेर-बाड़मेर से मानवेंद्र सिंह, हरीश चौधरी और एक अन्य दावेदारी जता रहे हैं, यहां भी नाम को लेकर खींचतान है।
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