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नई दिल्ली । लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला हर वर्ष अपना जन्म दिवस चार दिसंबर को सादे ढंग से मनाते है। वैसे तो अंग्रेज़ी तारीख़ अनुसार उनका जन्म दिवस तेईस नवंबर को आता है,लेकिन बिरला वर्षों से अपनी तिथि की दिनांक के अनुसार ही अपना जन्म दिवस मनाते आयें है।
बिरला के जन्म दिवस पर कार्यकर्ताओं का भारी हुजूम उनके निवास पर उमड़ता हैं। चाहें वे सत्ता में हो अथवा नहीं फ़र्क़ नहीं पड़ता कार्यकर्ताओं का रेला हमेशा की तरह उनकी अपार लोकप्रियता को दर्शाता है।
काशी नगरी के रूप में विख्यात कोटा में जन्मे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सही अर्थों में एक लोकप्रिय जन प्रतिनिधि है। उन्हें लोगों के सुख दुःख के साथी के रूप में जाना जाता है।
विगत जून में लोकसभाध्यक्ष चुने जाने पर स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में ओम बिरला के जीवन, विलक्षण व्यक्तित्व एवं कृतित्व की भूरी भूरी प्रशंसा की थी। इसी के अनूरूप बिरला ने लोकसभाध्यक्ष के रूप में पाँच माह से अधिक के कार्यकाल में अपनी कार्य शैली से सभी का मन जीता है।इसीलिए पक्ष विपक्ष के सभी सांसद बिरला की प्रशंसा करते हुए नहीं थक रहे है।यहीं नहीं आम जनता के बीच भी यह आम धारणा है कि बिरला लोकसभा का संचालन बेहतर ढंग से कर रहे है ।मुस्कराहट भरे अंदाज़ में सदन की कार्यवाही का संचालन करने का उनका अपना अलग ही निराला अन्दाज़ है।सांसदों एवं जनता के बीच उनकी लोकप्रियता की वजह से उन्हें जनता का बिरला स्पीकर कहा जाने लगा है।
बिरला अपने गुरुतर दायित्वों व कर्तव्य पालन के साथ ही लोगों के सुख-दुःख में भागीदार बनने एवं सामाजिक सराकारों को निभाने में कभी पीछे नही रहते । वे लोगों की सहायता के लिए मुश्किल वक्त में उनके बीच पहुँच दिन रात उनकी पीड़ा बांटने का काम बखूबी करते है। पिछले दिनों उन्होंने ऐसा ही उदाहरण पेश किया और कोटा में आई बाढ़ के दौरान कई हिस्सों में पैदल, नांव, देशी किश्तियों व बॉट्स आदि से प्रभावित इलाकों में कई घंटों घूमें एवं स्थिति का जायजा लेकर स्थानीय प्रशासन को तत्काल राहत प्रबन्ध करने की हिदायत दी ।
बिरला के लोकसभा अध्यक्ष बनते ही देश एवं प्रदेश के अनेक सामाजिक सांस्कृतिक एवं समाजसेवी संगठनों ने उनके सम्मान कार्यक्रम आयोजित कर उनसे उनमें भाग लेने का आग्रह किया, लेकिन बिरला ने बहुत ही विन्रमता से सभी आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए पहले अपने गुरुत्तर दायित्वों को पूरा करने को वरीयता दी और लोकसभा की घण्टों लम्बी कार्यवाही का संचालन कर नया इतिहास रच दिया । बाद में बहुत आग्रह पर वे नई दिल्ली के सिरिफोर्ड सभागृह में सभी एसोसिएशंस द्वारा सामूहिक रूप से आयोजित नागरिक अभिनन्दन समारोह में शरीक हुए ।
लोकसभा अध्यक्ष के रूप में अपनी विदेश यात्राओं में ओम बिरला ने मालदीव,युगांडा रूस,जापान आदि देशों में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और इन देशों व आसपास इलाक़ों में बसे प्रवासी भारतीयों से भी मुलाक़ात की। प्रवासी भारतीयों ने भी लोकसभाध्यक्ष का भावभीना स्वागत व अभिनंदन किया।
लोकप्रिय नेता ओम बिरला राजस्थान के हाड़ौती अंचल कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं ।
वह देश के एक प्रमुख संवैधानिक पद लोकसभाध्यक्ष बनने वाले राजस्थान के मूल के पहले जननेता हैं, हालांकि इससे पूर्व राजस्थान से निर्वाचित बलराम जाखड़ भी लोकसभाध्यक्ष रहे है, लेकिन वे राजस्थान मूल के नहीं होकर मूलतः पंजाब प्रान्त के निवासी थे । छात्र नेता के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले स्नातकोत्तर 57 वर्षीय बिरला के लिए कोटा उनकी जन्म व कर्मभूमि दोनों ही है । वे कोटा शहर से राजस्थान विधानसभा के लिए लगातार तीन बार 2003, 2008 और 2013 में सदस्य चुने गए व एक सक्रिय विधायक रहने के साथ-साथ विधानसभा में संसदीय सचिव भी रहे हैं । तदुपरांत वे 2014 में 16 वीं लोकसभा और इस बार 2019 में 17वीं लोकसभा के लिए लगातार दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए है। इसके पूर्व वे अपने दल व संगठन में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दे चुके हैं।
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