जयपुर। निर्दलीय विधायक अशोक कोठारी द्वारा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सदस्यता लेने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी को एक चिट्ठी लिखकर कोठारी की विधायकी खत्म करने की मांग की है।
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जूली ने अपनी चिट्ठी में दल-बदल कानून के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा है कि निर्दलीय विधायक यदि किसी पार्टी में शामिल होता है, तो उसकी विधानसभा सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है। कोठारी ने 4 सितंबर को बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की और इसका प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर साझा किया।
जूली ने लिखा, "विधायक कोठारी दल-बदल कानून के उल्लंघन के दायरे में आते हैं। उन्होंने संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत दल-बदल प्रावधानों का उल्लंघन किया है।"
जूली ने स्पीकर से अनुरोध किया है कि वे कोठारी को दल-बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित करें और उनकी विधायकी समाप्त करें। चिट्ठी में बताया गया है कि संविधान की 10वीं अनुसूची के पैरा संख्या-2 के अनुसार, निर्दलीय विधायक की सदस्यता समाप्त हो जाती है यदि वह किसी राजनीतिक दल में शामिल हो जाता है।
विधायक अशोक कोठारी ने अपनी बीजेपी सदस्यता को लेकर कहा कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता केवल देश की अखंडता और सनातन की रक्षा के लिए ली है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें कानूनी और तकनीकी पहलुओं के बारे में जानकारी नहीं थी।
अब विधानसभा स्पीकर के पास यह अधिकार होगा कि वे कोठारी से उनकी सदस्यता की स्थिति पर स्पष्टीकरण मांग सकते हैं। यदि कोठारी बीजेपी विधायक दल को जॉइन करने से इनकार करते हैं, तो उनका मामला दल-बदल कानून से बाहर हो सकता है। हालांकि, विधायकी से हटाने की प्रक्रिया जटिल और लंबी हो सकती है।
इस मुद्दे पर राजनीतिक विवाद होना तय है, और इसका हल विधानसभा स्पीकर के निर्णय पर निर्भर करेगा।
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