जयपुर। पारिवारिक न्यायालय की गांधी नगर मोड़ टोंक रोड पर 3300 गज जमीन पर किए जा रहे कब्जे को वकीलों ने रुकवा दिया। पारिवारिक न्यायालय बार एसोसिएशन के प्रयासों से जेडीए ने यह जमीन आवंटित की थी। राजस्थान जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने इस जमीन पर मार्किंग कर बाउंड्रीवॉल बनाकर कब्जा कर रहे थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राजस्थान जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने इस जमीन पर मार्किंग करवा दी। वहां पर बाउंड्री वॉल और एक बड़ा हाल बनाना चाहते थे। इसकी जानकारी मिलते ही पारिवारिक न्यायालय बार एसोसिएशन के संरक्षक पूनम चन्द भंडारी एडवोकेट, अध्यक्ष डी एस शेखावत, महासचिव विष्णु शर्मा सहित कई अधिवक्तागण मौके पर पहुंचे और कार्रवाई को रूकवाया। वहां मौजूद डाक्टर अजय कुमार को जेडीए द्वारा आवंटित जमीन का नक्शा दिया। साथ ही उन्हें चेतावनी दी कि भविष्य में पारिवारिक न्यायालय की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश ना करें इससे पूर्व भी पिछले साल पशुपालन विभाग ने भी इस जमीन पर निर्माण कार्य शुरू किया था नीव खुदवा ली थी तब भी पारिवारिक न्यायालय बार एसोसिएशन ने उस काम को रुकवाया था।
अधिवक्ताओं ने बताया कि जेडीए ने पारिवारिक न्यायालय को आवंटित की थी और 17 नवंबर 2021 को कब्जा दिया। इसके बाद रजिस्ट्री करवा दी और अप्रेल 2023 में राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम ने भवन के नक्शे बनाकर हाईकोर्ट की भवन निर्माण समिति को भिजवाया। समिति ने नक्शे भी पास कर दिए। साथ ही जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया।
आज मौके की फोटो खींचकर पारिवारिक न्यायालय संख्या एक के जज व मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को भिजवाई। उन्हें निवेदन किया की मौके पर आकर काम रूकवाएं। पूनम चन्द भंडारी, डी एस शेखावत व विष्णु शर्मा रजिस्ट्रार जनरल चंद्र प्रकाश श्रीमाली से भी मिले उनको सारी घटना से अवगत कराया और उन्होंने उसी समय बिल्डिंग कमेटी जोधपुर से फोन पर वार्ता कर जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि बिल्डिंग कमेटी ने नक्शे एप्रूव कर दिए हैं जल्दी ही सरकार के पास बजट के लिए प्रस्ताव भेजेगी।
उन्होंने कहा कि न्यायालय की जमीन पर कोई कब्जा या निर्माण करें तो उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जो नोडल अधिकारी है उन से वार्ता करने को कहा और उसके पश्चात मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मौके पर आ गए और नाप करवा कर बोर्ड को पारिवारिक न्यायालय की जमीन पर कोई भी कार्यवाही करने के लिए मना कर दिया उसके पश्चात शेखावत ने बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी की अति आवश्यक बैठक बुलाई।
इसमें निर्णय लिया कि पारिवारिक न्यायालय की जमीन की सुरक्षा के लिए उस जमीन पर फिलहाल एसोसिएशन स्कूटर मोटरसाइकिल की पार्किंग की व्यवस्था कराएंगी ताकि जमीन पर कब्जा ना हो सके। इस पर होने वाले समस्त खर्च को बार वहन करेगी।
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