जयपुर। किसान कमेरा संवैधानिक अधिकार मोर्चा की ओर से 74वें गणतंत्र दिवस के दिन जयपुर अमर जवान ज्योति पर शहीदों को नमन करने के बाद किसान कमेरा संवैधानिक यात्रा शुरू होगी। यात्रा जयपुर से रवाना होकर राजस्थान के सभी 33 जिलों में जनसभाएं करते हुए पुनः जयपुर आएगी। इस यात्रा में मजदूर व किसान संगठनों के साथ ही संविधान व संवैधानिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले विभिन्न समाजों के सामाजिक संगठन हिस्सा लेंगे। इस यात्रा का मूल मकसद किसान कमेरा वर्ग के सभी समाजों में आपस में सामजस्य बैठाते हुए, सभी वर्गों में समानता लाकर, देश व दुनियां में शान्ति स्थापित करना हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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प्रवक्ता हिम्मत सिंह गुर्जर ने बताया कि यात्रा के दौरान किसान कमेरा वर्ग को अपने हकों व संवैधानिक अधिकारों की जानकारी विषय विशेषज्ञों के द्वारा दी जायेगी, ताकि वह अपने मूल अधिकारों को जानकार अपने हकों की रक्षा कर सक्षम व समृद्ध बनकर देश की और भी बेहतर तरीके से सेवा कर सके। यात्रा के दौरान संवैधानिक अधिकारों की जानकारी देने के साथ ही आमजन से सीधा संवाद कर वहाँ की स्थानीय समस्याओं को जानकर व समझकर उनके दुख दर्द में भी भागीदार बनेंगे।
यात्रा के मुद्दे : समस्त किसान कमेरा वर्ग (ओबीसी, एससी, एसटी अर्थात बहुसंखक समाज) को संवैधानिक अखिकारों की जानकारी कराना। भारतीय संविधान (जिसमे मौलिक अधिकार है) को बचाना व मूल रूप से लागू कराना। किसानों की फसलों का “न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)” का निर्धारण व काला बाजारी करने वाले बिचौलियों व व्यापारियों की लूट से जनता को बचाने हेतु “अधिकतम बिक्री मूल्य (MSP)” निर्धारण करवाना। भारत के संवैधानिक लोकतन्त्र की रक्षा के लिए किसान आंदोलन में शहीद हुए तमाम किसान शहीदों व देश की रक्षा में आहुती देने वाले हमारे वीर जवान शहीदों को आद्रांजली अर्पित करना। किसान आंदोलन को राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन एवं संविधानवादी आंदोलन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले तमाम किसान/मजदूर नेताओं, तमाम किसान/मजदूर संगठनों, सहयोगी संगठनों, देश के सभी अन्नदाताओं व प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वाले आमजन का आभार प्रकट करना। 2011 की जनसंख्या जनगणना के आंकड़े जारी करवाकर जनसंख्या के अनुपात में ओबीसी का आरक्षण (प्रतिनिधित्व) करवाना व जब तक आंकड़े जारी नहीं होते, तब तक राजस्थान में भी अन्य राज्यों की तर्ज पर ओबीसी का आरक्षण (प्रतिनिधित्व) प्रतिशत बढ़वाना। भारत में एससी व एसटी की तरह ओबीसी की हर बार प्रथक जनगणना करवाना, ताकि ओबीसी की भी जनसंख्या के आधार पर हर क्षेत्र में हिस्सादारी सुनिश्चित हो सके। सरकार द्वारा असंवैधानिक तरीके से भूमि अधिग्रहण को रोकना। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अधिकारों की रक्षा हेतु 2 अप्रेल 2018 के आंदोलन को समर्थन देने वाले विभिन्न ओबीसी संगठनों का धन्यवाद ज्ञापित करना। ओबीसी आरक्षण (प्रतिनिधित्व) की लड़ाई हेतु ओबीसी एससी एसटी द्वारा संयुक्त संघर्ष आदि शामिल हैं।
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