जयपुर। यह कहानी जयपुर के प्रतापनगर थाने के अंतर्गत घटित एक रोमांचक अपराध की है, जहाँ तीन शातिर अपराधियों ने मिलकर एक अपहरण की घटना को अंजाम दिया और फिरौती की मांग की। यह मामला उन लोगों का है, जिनका मकसद केवल पैसों के लिए किसी की जिंदगी से खिलवाड़ करना था, लेकिन वे यह नहीं जानते थे कि पुलिस की तेज निगाहें और एक शानदार टीम उनके नापाक इरादों पर पानी फेरने के लिए पूरी तरह तैयार है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
घटना का आगाज : 18 अक्टूबर 2024 को परिवादी ने प्रताप नगर थाने में आकर शिकायत दर्ज करवाई कि उसका भाई एसकेआईटी कॉलेज गया था, लेकिन देर रात तक वापस नहीं लौटा। परिवार में चिंता का माहौल छा गया। तभी शाम को एक अंजान कॉल ने उनके होश उड़ा दिए। कॉलर ने कहा कि उनका भाई उनके कब्जे में है और उसे छुड़ाने के लिए 80,000 रुपये देने होंगे। इस धमकी भरे कॉल के बाद पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए प्रकरण संख्या 885/2024 धारा 140(2), 140(3) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी।
पुलिस का प्लान : इस केस को हल करने के लिए जयपुर पूर्व की पुलिस उपायुक्त श्रीमती तेजस्वनी गौतम, IPS, ने एक विशेष टीम का गठन किया। इस टीम की अगुवाई अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त आशाराम चौधरी और सांगानेर थाने के पुलिस आयुक्त विनोद शर्मा ने की। टीम में शामिल थे थानाधिकारी सुनींद्र सिंह और अन्य कुशल पुलिसकर्मी जैसे उप निरीक्षक श्रीमती राजकुमारी, हेड कांस्टेबल अविनाश, और कानि हुकम सिंह।
जांच टीम ने सबसे पहले अपराधियों के कॉल रिकॉर्ड्स को ट्रैक किया और तकनीकी सहयोग से उनके ठिकानों का पता लगाना शुरू किया। थाने की अन्य टीमों से सहयोग लिया गया, खासकर करधनी थाने की पुलिस टीम और कांस्टेबल बाबू लाल चौपड़ा की अहम भूमिका रही।
सस्पेंस का खुलासा : पुलिस टीम ने तेजी से काम करते हुए अपराधियों का पीछा किया। आखिरकार, एक निर्णायक पल तब आया जब आरोपियों योगेंद्र कुमार, विशाल वर्मा, और अमन राजीव को डिटेन कर लिया गया। इन अपराधियों के पास से एक आई 20 कार भी बरामद हुई, जो वारदात में इस्तेमाल की गई थी। सबसे राहत की बात यह थी कि अपहृत युवक को सकुशल मुक्त करवा लिया गया।
जुर्म की कहानी : जांच के दौरान खुलासा हुआ कि यह तीनों आरोपी ऑनलाइन ठगी करने वालों को फर्जी बैंक अकाउंट उपलब्ध करवाते थे। इसी तरह वे पैसे वाले व्यक्तियों को अपनी जाल में फंसाते और फिर अपहरण कर फिरौती मांगते थे। इस बार भी उनका इरादा यही था, लेकिन पुलिस की चुस्ती ने उनके हर प्लान को नाकाम कर दिया।
हीरो कौन : इस केस को सुलझाने में कांस्टेबल बाबू लाल चौपड़ा की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही। उनकी सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई ने न केवल एक मासूम की जान बचाई, बल्कि तीन शातिर अपराधियों को भी सलाखों के पीछे पहुंचाया।
गिरफ्तार किए गए अपराधियों को माननीय न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। फिलहाल, मामले की जांच जारी है, और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस गैंग के अन्य सदस्य भी इस नेटवर्क का हिस्सा हैं।
मजबूत नेतृत्व के मामले में पीएम मोदी और मेलोनी एक समान - इटली के राजदूत
भजनलाल सरकार के एक साल पूरे होने पर मदन दिलावर ने कहा, 'मध्यम वर्ग के लिए हो रहा काम'
अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी ने साबित कर दिया कि कांग्रेस क्रिएटिव इंडस्ट्री का सम्मान नहीं करती - अश्विनी वैष्णव
Daily Horoscope