जयपुर। कन्हैयालाल हत्याकांड से जुड़े एक आरोपी को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। इससे एक बार फिर यह मामला फिर सुर्खियों में आ गया है। इस घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहाकि 28 जून 2022 को हुए इस नृशंस हत्याकांड का भाजपा ने चुनावी लाभ उठाने के लिए राजनीतिक इस्तेमाल किया। लेकिन, दोषियों को सजा दिलाने में केंद्र की भाजपा सरकार और उसकी एजेंसियों ने कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई।
बता दें कि उदयपुर के दर्जी कन्हैयालाल की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया था। यह घटना तब हुई जब दो लोगों ने उनकी दुकान में घुसकर दिनदहाड़े उनका गला काट दिया था। इस घटना को सांप्रदायिक रंग दिया गया और इसके बाद राजस्थान समेत पूरे देश में तनावपूर्ण माहौल पैदा हो गया। उस समय, भाजपा नेताओं ने इस हत्याकांड को प्रमुख मुद्दा बनाकर चुनाव प्रचार में जोर-शोर से उठाया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने इस घटना का उपयोग चुनावी लाभ लेने के लिए किया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने पीड़ित परिवार को दिए गए मुआवजे की राशि को गलत तरीके से प्रस्तुत किया और 50 लाख रुपए की राशि को 5 लाख बताकर जनता में झूठ फैलाया।
गहलोत ने यह भी कहा कि इस मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने घटना के तुरंत बाद इस मामले को अपने हाथ में ले लिया था। लेकिन ढाई साल बीतने के बावजूद भाजपा सरकार दोषियों को सजा तक नहीं दिलवा पाई है। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा नेताओं ने चुनावी रैलियों में इस घटना का जमकर राजनीतिक फायदा उठाया, लेकिन न्याय की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
कन्हैया हत्याकांड के आरोपी थे भाजपा के वर्करः
गहलोत ने भाजपा के दोहरे रवैये पर सवाल उठाते हुए कहाकि इस हत्याकांड के दो मुख्य आरोपी भाजपा के कार्यकर्ता थे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ नेताओं ने उन आरोपियों की सिफारिश के लिए पुलिस थाने में फोन किए थे। उन्होंने कहाकि राजस्थान की जनता और पीड़ित परिवार अब पूछ रहे हैं कि क्या भाजपा इस घटना का केवल राजनीतिक फायदा ही उठाएगी, या न्याय दिलाने के लिए भी कुछ प्रयास करेगी।
भाजपाई नेताओं ने अब इस मामले में साधी चुप्पीः
इधऱ, इस मामले पर भाजपा की तरफ से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि इस घटना को लेकर भाजपा ने पूर्व में कई बार राज्य सरकार को निशाना बनाया था। भाजपा ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाया था कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है और इस तरह की घटनाएं उसी का परिणाम हैं।
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