जयपुर। राज्य सरकार ने झालावाड़ में कालीसिंध थर्मल पावर प्रोजेक्ट (यूनिट 1 और 2) की लागत राशि 9479.51 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 9680.03 करोड़ रूपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए वित्त विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गहलोत ने प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ ही कालीसिंध परियोजना के कार्य में विलंब के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और फर्म के खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए हैं। गौरतलब है कि परियोजना की यूनिट-2 का कार्य जुलाई 2014 की निर्धारित तिथि तक प्रारंभ नहीं होने के कारण इसकी लागत लगभग 200 करोड़ रूपये बढ़ गई है। थर्मल पावर प्रोजेक्ट की यूनिट-2 का कार्य जुलाई 2014 में निर्धारित समय पर शुरू नहीं करने के लिए उत्तरदायी संबंधित कार्मिकों की जवाबदेही सुनिश्चित की जायेगी। साथ ही, विलंब के लिए जिम्मेदार संबंधित फर्म का भी उत्तरदायित्व तय कर उससे विलंब के कारण हुए नुकसान के लिए हर्जाना वसूल किया जायेगा। बाद में फर्म से वसूल की गई हर्जाना राशि को परियोजना की लागत राशि में समायोजित कर दिया जायेगा।
अनुमोदित प्रस्ताव में कालीसिंध विद्युत परियोजना की बढ़ी हुई लागत में राज्य सरकार की 20 प्रतिशत हिस्सा राशि के रूप में लगभग 40 करोड़ रूपये की अतिरिक्त पूंजी का प्रावधान भी शामिल है। इसके लिए वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में स्वीकृत राज्य की अंशपूंजी की सीमा में ही यह राशि खर्च होगी।
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