जयपुर । शिक्षा, कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी.
कल्ला ने गुरुवार को जवाहर कला केन्द्र में चल रहे ‘जूनियर समर कैम्प‘ का
अवलोकन किया। डॉ. कल्ला ने इस दौरान बच्चों द्वारा कैम्प में अब तक सीखी
कलाओं पर आधारित प्रस्तुतियों को गहरी रूचि के साथ देखा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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मंत्री ने बच्चों से प्रेरणादायक संवाद किया और उनकी हौसला अफजाई भी की।
उन्होंने बच्चों से कहा कि कत्थक, भरतनाट्यम जैसे शास्त्रीय नृत्य हमारी
धरोहर हैं। यह डिस्को के साथ मिक्स नहीं होने चाहिएं। हमारी इसी संस्कृति
के माध्यम से हम टूरिज्म को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के
आयोजन बच्चों को आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुति देने की कला सिखाते हैं, ये
‘स्टेज फीवर‘ को खत्म करने में काफी मददगार हैं।
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मंत्री ने बच्चों के साथ देश और प्रदेश की कला और संस्कृति से जुड़ी कई
महत्वपूर्ण बातें सरल अंदाज में साझा करते हुए ‘जूनियर समर कैम्प‘ में उनकी
‘लर्निंग‘ के बारे में सवाल भी पूछे। उन्होंने ‘अर्ली टू बैड, अर्ली टू
राइज, मेक्स ए मैन हेल्दी, वेल्दी एंड वाइज‘ का महत्व बताते हुए बच्चों को
जीवन में बल, बुद्धि, धन, यश, और आयु पाने के लिए बड़ों का आदर और सम्मान
करने के लिए प्रेरित किया। वहीं संस्कृत के श्लोकों के माध्यम से कॅरिअर
में आगे बढ़ने और अपना अलग मुकाम बनाने लिए कौए की तरह चेष्टाशील, बगुले की
भांति एकाग्र एवं श्वान की तरह जाग निद्रा के नियमों का पालन करते हुए
अल्पाहार एवं पौष्टिक भोजन के सेवन के कई टिप्स दिए।
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