जयपुर। जयपुर विकास प्राधिकरण की भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए प्रयासरत जयपुर विकास आयुक्त टी. रविकांत ने एक नवाचार शुरू किया है। इस नवाचार के तहत 44 अधिकारियों को जोन्स के 238 गांवों में जेडीए की करीब 7 हजार हैक्टेयर भूमि की माॅनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी है। ये अधिकारी जेडीए जमीनों का प्रत्येक माह मौका निरीक्षण कर भूमि की स्थिति ऑनलाईन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जेडीसी ने जिन अधिकारियों की डृयूटी लगाई है, उनको बाकायदा तहसील और गांव के साथ उन खसरों का भी जिक्र किया है, जहां पर जेडीए की जमीन है। जो जमीने चिन्हित की हैं, उनमें से अधिकतर शहर के बाहरी इलाकों में हैं।
जयपुर विकास आयुक्त टी. रविकांत ने बताया कि जेडीए के नाम दर्ज राजकीय भूमि को जोनवार अद्यतन करने, मौके से जीयो लोकेशन एवं राजकीय भूमि की फोटो लेकर लैण्ड बैंक साॅफ्टवेयर में नियुक्त किए गए अधिकारियों द्वारा भूमि की वर्तमान स्थिति को ऑनलाईन अपलोड करने का कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि अधिकारियों द्वारा प्रत्येक माह की 7 तारीख तक जमीन की मौका स्थिति की रिपोर्ट ऑनलाईन अपडेट की जाएगी। भूमि पर अतिक्रमण होने की स्थिति में ऑनलाइन ही संबंधित प्रवर्तन अधिकारी/उपायुक्त को सूचित किया जाएगा। ताकि उक्त जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रवर्तन शाखा एवं जोन उपायुक्त द्वारा संयुक्त कार्रवाई की जाएगी।
जेडीसी ने बताया कि सभी कार्य कैसे ऑनलाइन किया जाएगा इसके लिए आईटी सैल की ओर से एक वर्कशाप आयोजित की जाएगी, जिसमें नियुक्त अधिकारियों, प्रवर्तन शाखा व जोन स्तर के अधिकारियों को इस प्रक्रिया से अवगत करवाया जाएगा। जेडीसी ने बताया कि इन अधिकारियों से संयुक्त आयुक्त के एक अधिकारी लैण्ड बैंक से निरंतर समन्वय करेंगे और लैण्ड बैंक की नवीनत सूचना ऑनलाइन अपडेट करवाने का कार्य करेंगे।
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