जयपुर। अखिल राजस्थानअनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष डॉ मोहन सिंह मीणा महासचिव श्रवण मेहरडा ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ बी एल जाटावत के इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एक बयान में इन पदाधिकारियों ने कहा कि बी एल जाटावत ने अपने कार्यकाल में एससी एसटी, ओबीसी , एमबीसी का बैकलॉग भरा , आम परीक्षार्थी की तकलीफ को दूर किया, नौकरी दिलाने का गोरख धंधा करने वालों का गोरख धंधा चौपट करा, रिकॉर्ड 50 से ज्यादा परीक्षाएं आयोजित की और बोर्ड के कामकाज को पारदर्शी, द्रुतगामी बनाया।
अपने जारी एक बयान में अखिल राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मोहन सिंह मीणा व महासचिव श्रवण मेहरडा ने कहा कि जाटावत के खिलाफ पिछले कुछ माह से कोचिंग माफिया, नौकरी माफिया और इन वर्गों के विरोधी नेता एक सुनियोजित व साझा अभियान चला रहे थे क्योंकि चयन बोर्ड द्वारा भर्ती परीक्षाएं आयोजित करने का समस्त कार्य मल्टीपल एजेंसी को देने की व्यवस्था किए जाने के बाद परीक्षाओं में गड़बड़ी की बोर्ड स्तर पर संभावनाएं नगण्य हो गई थी। उन्होंने कहा कि आरक्षित वर्ग के एक अधिकारी की कार्यकुशलता और निपुणता कई लोगों को नहीं पच रही थी। बयान में इस बात पर खेद जताया गया है कि दो परीक्षाओं के पर्चे आउट होने की घटनाओं की जांच में कहीं भी नहीं पाया गया की बोर्ड के किसी अधिकारी कर्मचारी की इसमें लीपप्ता थी। वहीं इस परीक्षा व्यवस्था मैं बोर्ड का रोल भी सीमित हो गया था
महासंघ पदाधिकारियों ने कहा कि बोर्ड चेयरमैन के रूप में बी एल जाटावत के कक्ष के कार्यालय आमजन के लिए खुले रहे थे और वे सब की समस्याओं का तत्काल निवारण करते थे उन्होंने कई कठोर फैसले परीक्षार्थियों के हितार्थ लिए। उनके कार्यकाल में 100 से अधिक पेशेवर परीक्षार्थियों को जांच पड़ताल में पकड़ाया और उन्हें परीक्षाओं से वंचित किया
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