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जल जीवन मिशन के कार्यों में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए ग्रास रूट स्तर पर व्यापक प्रयास हो - अतिरिक्त मुख्य सचिव

Jal Jeevan Mission - Massive efforts should be made at the grass root level to promote community participation - Additional Chief Secretary - Jaipur News in Hindi


जयपुर। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत ने प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के कार्यों में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए ग्रास रूट स्तर पर सभी एजेंसीज के सहयोग से व्यापक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि जेजेएम की मूल स्पिरिट ही पेयजल योजनाओं के सभी कार्यों से लोगों को जोड़ना है, ऐसे में विभागीय अधिकारी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के साथ-साथ जन भागीदारी पर भी पूरा फोकस करें।

पंत शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से प्रदेश में जेजेएम की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फील्ड में कार्यरत कनिष्ठ अभियंता एवं सहायक अभियंता अपने अधीन आने वाले गांवों में गठित ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी) के सदस्यों से पूरा तालमेल रखें, इसके लिए वॉट्सएप ग्रुप्स और सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए उनके साथ प्रगति एवं महत्वपूर्ण सूचनाएं साझा की जा सकती हैं।


एक-एक दिन का हो सदुपयोग


एसीएस ने कहा कि जेजेएम एक टाइमबाउण्ड प्रोग्राम है, इसके क्रियान्वयन में एक-एक दिन बहुत महत्वपूर्ण है, अतः सभी अधिकारी वर्ष 2024 तक राज्य के सभी ग्रामीण परिवारों को ‘हर घर नल कनेक्शन‘ से जोड़ने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए में जी-जान से जुटे रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक ‘हर घर नल कनेक्शन‘ की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियों से लेकर तकनीकी स्वीकृति, निविदा और कार्यादेश जारी करने में अधिकारियों ने जिस लगन से कार्य किया है, वह आने वाले दिनों में सभी गांव-ढ़ाणियों में लक्ष्य के अनुरूप ‘हर घर नल कनेक्शन‘ वाले परिवारों और ‘सभी घरों में नल कनेक्शन‘ वाले गांवों की संख्या के रूप में परिवर्तित हो, इसके लिए सब मिलकर दिन-रात और कड़ी मेहनत करे। उन्होंने कहा कि ‘हर घर नल कनेक्शन‘ देने के साथ ही सभी घरों में निर्धारित मात्रा, समयावधि और अंतराल में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने में ही इस मिशन की सफलता निहित है।


गुणवत्ता जांच ‘फील्ड टेस्टिंग किट‘ का प्रभावी उपयोग करें


पंत ने सभी परियोजनाओं में स्वच्छ एवं गुणवत्ता पूर्ण पेयजल आपूर्ति पर जोर देते हुए कहा कि विभाग द्वारा खरीदी गई 12 हजार ‘फील्ड टेस्टिंग किट‘ को सभी जिलों में गांवों तक वितरित किया जा रहा है। इसका प्रभावी और सतत उपयोग करते हुए फील्ड विजिट के दौरान अधिकारी तो अधिकाधिक पेयजल नमूनों की जांच करे ही, साथ ही ग्राम स्वच्छता समितियों के सदस्यों को भी इनके माध्यम से पेयजल नमूनों की नियमित जांच के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल नमूनों की जांच के बाद आए परिणाम के आधार पर आवश्यकता के अनुरूप सुधारात्मक उपाय अपनाएं और फिर कुछ समय बाद वहरं री-टेस्टिंग करते हुए गुणवत्ता को हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। पेयजल नमूनों की जांच लोगों की मौजूदगी में की जाए और उसके परिणाम भी सभी के साथ साझा किए जाए।


‘विलेज एक्शन प्लान‘ में राष्ट्रीय औसत से बेहतर उपलब्धि


एसीएस ने अधिकारियों को प्रदेश के 43 हजार 323 गांवों में से अब तक 34 हजार 640 गांवों में ‘विलेज एक्शन प्लान‘ तैयार करते हुए राष्ट्रीय औसत (करीब 60 प्रतिशत) से भी अधिक (करीब 80 प्रतिशत) उपलब्धि के लिए पूरी टीम को बधाई दी। इसके साथ ही जिलों के ‘डिस्ट्रिक्ट प्लान‘ तैयार करने, सभी जिलों में जिला प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (डीपीएमयू) को एक्टिवेट करने तथा थर्ड पार्टी इंस्पैक्शन एजेंसी के चयन के कार्य को शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने वीसी में प्रशासन गांवों के संग तथा प्रशासन शहरों के संग अभियान की प्रगति की भी समीक्षा की और सभी जिलों में अधिकारियों को इन अभियानों के शिविरों में विभाग को आवंटित कार्यों का तत्परता से निस्तारण करने के निर्देश दिए।

तकनीकी प्रक्रियाओं के बीच गैप कम करे

वीसी में जेजेएम के मिशन निदेशक डॉ. पृथ्वीराज ने प्रोजेक्ट एवं रीजनवार प्रगति की समीक्षा के दौरान स्वीकृतियों, निविदाएं और कार्यादेश जैसी तकनीकी प्रक्रियाओं के बीच लग रहे समय के गैप को कम करते हुए निर्धारित टाइमलाइन में कार्य सम्पादित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं में ऑपरेशन एंड मेंटिनेंस की लागत को कम करने के लिए सोलर आधारित परियोजनाएं बनाने की दिशा में भी कार्य हो, यदि पहले संचालित किसी स्कीम में भी इसकी सम्भावना हो तो उसके प्रस्ताव तैयार किए जा सकते है। उन्होंने विशेष श्रेणी वाले जिलों (एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स), अनुसूचित जाति एवं जनजाति, गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों तथा सांसद आदर्श ग्राम योजना में शामिल गांवों की प्रगति पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए।
अब तक 16 लाख से अधिक ‘हर घर नल कनेक्शन‘ के कार्यादेश जारी

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में अब तक 30 हजार 616 गांवों में 116 वृहद पेयजल परियोजनाओं और 7975 मल्टी एवं सिंगल विलेज परियोजनाओं सहित कुल 8091 ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं में 75 लाख 75 हजार 703 ‘हर घर नल कनेक्शन‘ की स्वीकृतियां जारी की जा चुकी है। इसी कड़ी में अब तक 17 हजार 791 गांवों में 7113 ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं की तकनीकी स्वीकृतियां (45 लाख 35 हजार 958 ‘हर घर नल कनेक्शन‘ के लिए) तथा 16 हजार 949 गांवों में 6434 स्कीम्स (42 लाख 82 हजार 26 ‘हर घर नल कनेक्शन‘ के लिए) की निविदाएं जारी करते हुए 6316 गांवों में 16 लाख 15 हजार 113 ‘हर घर नल कनेक्शन‘ के लिए कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं। वर्तमान में 4936 गांवों में 13 लाख 18 हजार 80 ‘हर घर नल कनेक्शन‘ देने का कार्य मौके पर चल रहा है।

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