जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा-कांग्रेस हिन्दू, जाति और गोत्र को लेकर आरोप-प्रत्यारोप कर रही है। वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इन सब मुद्दों से दूर सिर्फ अपने कामकाज को लेकर फोकस करते नजर आए। मौका था भाजपा के जयपुर मीडिया सेंटर पर आयोजित प्रेस वार्ता का। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस मौके पर गडकरी ने कहा कि जयपुर का रिंग रोड प्रोजेक्ट अब पूरा हो गया है। इसका उद्घाटन 30 जनवरी को हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट लंबे समय तक अटका रहा इसके बाद केंद्र सरकार ने इसे ओवर टेक किया । गड़करी ने कहा कि 30 जनवरी को या तो इसका उद्घाटन हो जाएगा या फिर इसका इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी जाएगी।
वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे की जानकारी भी दी। इससे दिल्ली-मुंबई के बीच की दूरी 120 किलोमीटर कम हो जाएगी। एक्सप्रेस-वे गुरु ग्राम के राजीव चौक से शुरू होकर मेवात- जयपुर रिंग रोड-कोटा-रतलाम-गोधरा-बड़ोदरा-सूरत-दहिसर होते हुए मुंबई में समाप्त होगा। यह सीमेंट कांक्रीट रोड होगा। गड़करी ने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत अब तक 44 हजार रुपए के काम शुरू हो चुके हैं। इस महीने गुडगांव से जयपुर तक के टेंडर निकालकर काम शुरू कर दिए जाएंगे। यह करीब 120 मीटर चौड़ा होगा और राजस्थान के विकास के लिए नया ग्रोथ इंजन होगा क्योंकि इसके रास्ते में स्मार्ट सिटीज, इंडस्ट्रीज डवलप होगी। उन्होंने भारत माला प्रोजेक्ट की जानकारी भी दी। इस राजस्थान में 12 हजार करोड़ रुपए की लागत से 2 हजार किलोमीटर की सड़कें बनेंगी। इसमें रोड कम एयरपोर्ट हैं।
ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को भी मंजूरी
गड़करी ने राजस्थान में पानी के प्रोजेक्टों को लेकर चल रहे कामों की भी जानकारी दी। गड़करी बोले कि यमुना के पानी की हिस्सेदारी को लेकर छह राज्यों में झगड़े चल रहे थे, हमने इनमें से चार राज्यों के बीच सहमति बनवा दी। इसका सबसे ज्यादा फायदा राजस्थान को मिलेगा। उन्होंने बताया कि यमुना से मिलने वाला अतिरिक्त पानी कैनाल की जगह पाइपलाइन के जरिए सीकर, चूरू और झुंझुनूं को मिल सकेगा। इसके अलावा ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को भी केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। यमुना पर छह प्रोजेक्ट चल रहे हैं जिनके लिए छह राज्यों में झगड़े चल रहे थे। इसका सबसे बड़ा फायदा राजस्थान को मिलेगा। 37 हजार करोड़ की इस परियोजना के तहत झालावाड़, बारां और कोटा की नदियों को आपस में जोड़कर नहर के जरिये इसके पानी को धौलपुर तक लाया जाएगा। फिर इससे बड़ी नहरें निकालकर अलवर, भरतपुर, जयपुर, अजमेर, टोंक सवाईमाधोपुर और करौली समेत 13 जिलों में पानी पहुंचाया जाएगा।
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