जयपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में निर्वाचन आयोग पहुंचकर प्रदेश में 42 लाख से ज्यादा लोगों के डुप्लीकेट नाम वोटर लिस्ट में जोड़े जाने के संदर्भ में ज्ञापन देकर शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि राजस्थान में वर्ष 2013 से 2018 के बीच लगभग 70 से 80 लाख की संख्या में मतदाताओं में वृद्धि हुई है, जो जनसंख्या के अनुपात में कई गुना ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े अनुपात में मतदाताओं के बढ़ने से स्पष्ट होता है कि लाखों नाम गलत तरीके से जुड़ गए हैं, जबकि इसके विपरीत कई लोग मतदाता सूची में नाम जुड़वाने से वंचित हैं। यह जानकारी राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट तथा एआईसीसी विधि, मानवाधिकार एवं आरटीआई विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक तनखा ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर मीडिया को दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद कांग्रेस पार्टी की ओर से समग्र रिपोर्ट 200 विधानसभा क्षेत्रों के संबंध में निर्वाचन आयोग को भेजी गई है, जिसके अनुसार हर विधानसभा क्षेत्र में कई नाम, रिश्तेदार का नाम, जेंडर व आयु के आधार पर कई बार अंकित है, जिससे चुनावों के प्रभावित होने की बड़ी संभावना है। इसलिए आवश्यक है कि संदिग्ध नामों को मतदाता सूची से हटाया जाए जो निष्पक्ष चुनाव की प्रथम प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि गत दिनों सूचना के अधिकार के तहत प्रदेश के समस्त बीएलओ के संदर्भ में जानकारी मांगी गई थी, ताकि यह स्थापित हो सके कि जिन सरकारी कार्मिकों को बीएलओ का दायित्व दिया गया है, वे अपने विभागों से रिलीव हुए या नहीं तथा उन्होंने मतदाताओं का व्यक्तिश: जाकर भौतिक सत्यापन किया या नहीं, परन्तु दुर्भाग्य है कि यह जानकारी अब तक उपलब्ध नहीं करवाई गई है।
पायलट ने कहा कि कई लोगों के नाम एक ही विधानसभा में 100 से भी ज्यादा बार अंकित हैं, उनकी लगभग संख्या 487 है। इसी प्रकार एक नाम, रिश्तेदार का नाम, जेंडर का भी कई बार एक ही विधानसभा में अंकित होना प्रश्न खड़े करता है, जिसकी संख्या प्रति विधानसभा लगभग 14,282 है। उन्होंने कहा कि इसलिए आवश्यक है कि इन नामों का विशेष भौतिक सत्यापन करवाया जाए, ताकि संदिग्ध नामों को हटाया जा सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने समस्त आंकड़ें निर्वाचन विभाग की वेबसाइट से लेकर तथ्यात्मक विश्लेषण किया है, जो एक तरीके से निर्वाचन आयोग को सहयोग करने के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला व ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों द्वारा इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारियों को ज्ञापन दिया जाएगा।
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