जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि गांव, गरीब और किसानों का उत्थान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। हमने अब तक के सभी बजट में इन क्षेत्रों के लिए विशेष प्रावधान किए हैं। आगामी बजट में भी कृषि और जनजाति क्षेत्र के कल्याण पर पूरा फोकस रहेगा। उन्होंने कहा कि कृषि और जनजाति क्षेत्र के विकास के लिए बजट में बेहतर प्रावधान के लिए आप सबके सुझाव भी महत्वपूर्ण होंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राजे शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में राज्यभर के किसानों, पशुपालकों, डेयरी संघ पदाधिकारियों तथा जनजाति क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व बैठक में संवाद कर रही थीं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए हम कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में नवाचारों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सिंचाई की समस्या दूर करने के लिए हमने परवन सहित कई परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाया है। ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट के माध्यम से नदियों के व्यर्थ जाने वाले पानी को रोककर सिंचाई और पेयजल के उपयोग में लाया जा सकेगा। इससे पूर्वी राजस्थान के 13 जिले सरसब्ज होंगे। परम्परागत खेती में आधुनिक तकनीक का समावेश कर किसान कम लागत में ज्यादा उत्पादन प्राप्त कर सकें, इसके लिए संभाग स्तर पर ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट आयोजित की जा रही हैं।
राजे ने बैठक के सभी प्रतिभागियों के सुझावों को गंभीरता से सुना और कहा कि उपयोगी और सार्थक सुझावों को बजट में शामिल करने का पूरा प्रयास किया जाएगा। उन्होंने खुशी जाहिर की कि किसानों ने राज्य सरकार से विशेष मांग न रखकर कृषि और पशुपालन में नवाचारों को अपनाने पर ही जोर दिया है। इससे यह स्पष्ट है कि राज्य को विकास के रास्ते पर आगे ले जाने में सरकार अकेली नहीं है, प्रदेश के किसान भी उसके साथ हैं।
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