सुधीर कुमार शर्मा ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जयपुर। यदि आपने सड़क पर गाड़ी खड़ी कर दी और एक मिनट के लिए भी इधर-उधर हुए तो लौटने पर शायद आपकी गाड़ी उस जगह नहीं मिल पाती है, जहां आपने खड़ी की थी। या फिर कही फुटपाथ पर थड़ी-ठेले लगा लिए हैं तो पता नहीं कब नगर निगम की गाड़ी आए और उठा ले जाए। जी हां, कुछ ऐसे ही नियम हैं नगर निगम और यातायात पुलिस के। लेकिन ये नियम आप और हम पर लागू होते हैं। अगर शहर की सरकार की नाक के नीचे ही जब इन नियमों की अवहेलना हो तो उस पर कार्रवाई कौन करे?
कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों नगर निगम के बाहर टोंक रोड पर देखने को मिल रहा है। यहां आमजन के लिए बना फुटपाथ नगर निगम के बाहर पार्किंग के काम आ रहा है और लोग भारी यातायात के बीच सड़क पर पैदल चलते नजर आते हैं।
जब शहर की सरकार खुद अपने फुटपाथ पर हो रहे अतिक्रमण पर ध्यान नहीं देगी तो कौन कार्रवाई करेगा? आपको बता दें कि नगर निगम के बाहर खड़ी होने वाली गाड़ियां पूरे फुटपाथ को घेर लेती हैं। इस कारण फुटपाथ पर चलने लायक जगह भी नहीं बच पाती है। एक तरफ कारें तो दूसरी तरह दो पहिया वाहन पूरे फुटपाथ को घेरे हुए हैं। मजबूरन लोगों को सड़क पर होकर निकलना पड़ता है।
बना रहता है हादसे का अंदेशा
आपको बता दें कि नगर निगम के सामने मुख्य तिराहा होने के कारण वाहनों की रेलमपेल लगी रहती है। खास बात यह है कि यहां कई बार बड़े हादसे तक हो चुके हैं। उसके बावजूद नगर निगम ने फुटपाथ पर पार्किंग बनाकर लोगों को सड़क पर चलने के लिए मजबूर कर दिया। ऐसे में अगर कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?
पार्किंग का बोर्ड लगा हुआ है...
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